इन जलशुद्धिकरण केंद्रों पर मंडरा रहा बिजली संकट

Electricity crisis hovering at these water purification centers
इन जलशुद्धिकरण केंद्रों पर मंडरा रहा बिजली संकट
इन जलशुद्धिकरण केंद्रों पर मंडरा रहा बिजली संकट

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  पिछले काफी दिनों से शहर में बिजली की आंख मिचौनी ने लोगों को परेशान कर रखा।  2 माह से कन्हान जलशुद्धिकरण केंद्र में 12 घंटे एवं गोरेवाड़ा पेंच के जलशुद्धिकरण केंद्र में भी 2.41 घंटे बिजली आपूर्ति नहीं होने का विपरीत असर नागपुर शहर के जलापूर्ति व्यवस्था पर होने का दावा ओसीडब्ल्यू ने किया है। यहां जारी विज्ञप्ति में ऑरेंट सिटी वॉटर(ओसीडब्ल्यू) ने कहा है कि शहर में इन दिनों तापमान 45 डिग्री तक पहुंच गया है। ऐसे में पानी की जरूरत बढ़ गई है। जबकि शहर के 4 महत्वपूर्ण जलशुद्धिकरण केंद्रों में गोरेवाड़ा एवं कन्हान के पंपिंग स्टेशन से जलापूर्ति होती है।

वहां के बिजली संकट का दुष्परिणाम शहर के जलापूर्ति व्यवस्था पर हो रहा है। जिसके चलते शहरवासियों को 24 घंटे जलापूर्ति कराने में अनेक दिक्कतें पेश आ रही हैं। मर्यादित एवं कम दबाव में जलापूर्ति करना पड़ रहा है। पेयजल की किल्लत महसूस की जा रही है। बिजली संकट के कारण निर्माण हुए जलसंकट के बीच शहर के अधिकांश लोग अवैध ढंग से बूस्टर (टुल्लू) पंप का उपयोग कर पानी खींच रहे है। इससे अन्य अनेक जरूरतमंदों को पानी नहीं मिल पा रहा है। 

28 बार गुल रही बिजली
जानकारी के अनुसार 1 मार्च से 7 मई के दौरान करीब 28 बार कन्हान जलशुद्धिकरण केंद्र में बिजली गुल रही। इसका असर औसतन 12 घंटे रहा। बिजली संकट के कारण जलापूर्ति की पंपिंग व्यवस्था चरमरा गई है। वहीं गोरेवाड़ा पेंच के जलशुद्धिकरण केंद्र में 1 मार्च से 7 मई के दौरान 7 बार बिजली नदारद थी। औसतन 2 घंटे 41 मिनट तक बिजली गुल रहने के कारण पंपिंग स्टेशन बंद रखना पड़ा। 

शहर के अनेक इलाकों में जलसंकट
 कन्हान एवं गोरेवाड़ा पेंच के जलशुद्धिकरण केंद्रों से पंपिंग होकर नागपुर शहर के विविध इलाकों की टंकियों तक पहुंचने वाला पानी बिजली की समस्या से बाधित हो जाता है। इसका असर शहर के नेहरू नगर जोन, लकड़गंज जोन, सतरंजीपुरा जोन, आसी नगर जोन पर पड़ता है। लक्ष्मी नगर, गायत्री नगर, प्रताप नगर, त्रिमूर्ति नगर, जैताला, टाकली सीम, राम नगर, सीताबर्डी, फुटाला, धरमपेठ आदि इलाकों की पानी टंकियों में पानी पहुंचाना मुश्किल हो जाता है।

5 मिनट के बंद से ढाई घंटे का नुकसान
यदि संबंधित जलशुद्धिकरण केंद्रों की बिजली 5 मिनट भी गुल रही तो दोबारा इसे शुरू कर पंपिंग की व्यवस्था जारी करने के लिए करीब ढाई घंटे का समय लग जाता है। इसलिए बिजली आपूर्ति निरंतर शुरू रहना अनिवार्य है। इसमें पड़ने वाली मामूली खलल जलापूर्ति की सुचारु व्यवस्था को अनेक घंटों के लिए प्रभावित कर देती है। ऐसे में पंपिंग मशीनों को निरंतर बिजली आपूर्ति करना आवश्यक हो जाता है।

Created On :   11 May 2018 11:54 AM IST

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