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इरई बांध पर फ्लोटिंग सोलर पैनल से तैयार होगी बिजली

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाजेनको इरई बांध पर फ्लोटिंग सोलर पैनल लगा कर बिजली तैयार करने की दिशा में काम किया जा रहा है। इस बांध से महाजेनको के चंद्रपुर बिजलीघर को जलापूर्ति होती है। यदि योजना सफल हुई तो एक साथ कई फायदे होंगे। एकतरफ बांधों का पानी बचेगा, तो दूसरी तरफ प्रदूषण घटेगा और बिजली उत्पादन होगा। महाजेनको ने इसके सर्वे के लिए कंपनी की नियुक्ति की है। कंपनी सूर्य किरणों की तीव्रता, वित्तीय अनुकूलता और जलचरों पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करेगी। जानकारी के अनुसार, सर्वे और अध्ययन का काम पूरा हो चुका है। रिपोर्ट मिलने के बाद निर्णय लिया जाएगा कि योजना को अमली जामा पहनाया जाए या नहीं
विश्व और भारत इस दिशा में यहां
- संयंत्र की क्षमता 500 किलोवाट है, इसमें 260 वॉट क्षमता वाले कुल 1938 सौर पैनल है।
- एक साल में करीब सात लाख यूनिट बिजली उत्पादन का लक्ष्य इस संयंत्र के माध्यम से है।
- जापान में विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट।
- जापान के चिबा प्रांत के यामाकुरा डैम पर विश्व का सबसे बड़ा प्लॉटिंग सोलर प्लांट लगाया जा रहा है। इससे 50 हजार से अधिक घरों को बिजली मिलने लगेगी।
- इससे पहले आस्ट्रेलिया और अमेरिका में छोटे स्तर पर फ्लोटिंग सोलर पैनल लगाए गए हैं। ये छोटे कस्बों या गांवों की जरुरतों को पूरी करने के लिए उचित होते हैं।
एक साथ कई फायदे, बांधों का पानी बचेगा, प्रदूषण घटेगा, बिजली मिलेगी
सूत्रों के अनुसार, यदि सर्वे की रिपोर्ट सकारात्मक आई, तो महाजेनको के अन्य बिजलीघरों में, जहां बांधों से पानी आता है, वहां भी ऐसे ही प्रयोग किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि महाजेनको अभी सौर ऊर्जा से 180 मेगावाट बिजली बना रही है। राज्य सरकार ने वर्ष 2020 तक अपारंपरिक ऊर्जा से 6500 मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से महाजेनको 2500 मेगावाट अपारंपरिक ऊर्जा उत्पादित करेगी। शेष महाराष्ट्र ऊर्जा विकास एजेंसी (मेडा) के मार्फत होगा। महाजेनको के प्रवक्ता ने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर काम चल रहा है।
Created On :   5 Jan 2018 3:48 PM IST