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गबन कांड: ईओडब्ल्यू को प्रकरण हस्तांतरित करने पुलिस ने लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। सहकारी बैंक की कृषि शाखा में हुए गबन के मामले की जांच ईओडब्लू को सौंपी जा सकती है। पुलिस ने प्रकरण के हस्तांतरण के संबंध में शासन को पत्र लिखा है। फिलहाल इस मामले में कोतवाली पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबकि 100 से ज्यादा संदेहियों के खिलाफ कार्रवाई अभी बाकी है। जानकारी अनुसार सहकारी बैंक की कृषि शाखा में बीते आठ माह के भीतर सवा छह करोड़ रुपए के गबन का खुलासा हुआ है। सहकारी बैंक इस मामले में सवा सौ से ज्यादा आरोपियों के नामों का खुलासा कर चुकी है।
आर्थिक अपराध से जुड़े इस मामले में लगातार बढ़ती राशि और तकनीकी एक्सपर्ट के अभाव के चलते पुलिस इस प्रकरण को ईओडब्ल्यू को सौंपने की सिफारिश कर रही है। जीएडी के निर्देश पर यह मामला ईओडब्ल्यूू को हस्तांतरित हो सकता है।
घटना एक नजर में
> 30 जनवरी को डेढ़ करोड़ के गबन के मामले में आऊटसोर्स कम्प्यूटर ऑपरेटर कृष्णा साहू और तत्कालीन शाखा प्रबंधक संदीप सूर्यवंशी के खिलाफ अपराध दर्ज किया था।
> 3 फरवरी को इसी मामले में पचास लाख के गबन के दूसरे जांच प्रतिवेदन को भी एफआईआर में शामिल किया गया था। बैंक के तत्कालीन 5 कर्मचारी व 12 बैंक खाताधारकों के नाम एफआईआर में शामिल किए थे।
> 26 जून को सहकारी बैंक ने सवा चार करोड़ रुपए के गबन का तीसरा जांच प्रतिवेदन पुलिस को सौंपा था। जिसमें पूर्व में आरोपी बनाए बैंक कर्मचारियों समेत 10 बैंककर्मी व 10 खाताधारकों को आरोपी बनाया जाना है। पुलिस इस मामले में संदेहियों के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटा रही है।
अब तक गिरफ्तार हो चुके 6 आरोपी
इस मामले में पुलिस ने मुख्य सरगना कृष्णा साहू के साथ तत्कालीन ब्रांच मैनेजर फूलसिंग चौरे, संदीप सूर्यवंशी और बैंक खाताधारक मोहनलाल साहू,रामाधार, ऋषि को गिरफ्तार किया है।
तीन साल में हुए हैं ये गबन
तीनों जांच प्रतिवेदन में सामने आया है कि गबन की राशि का ट्रांजेक्शन साल 2015 से 2018 के बीच एनईएफटी के जरिए बैंक की समितियों के खातों से बैंक के बीच हुए हैं। बैंक की 9 समितियों के खातों से ही यह गबन हुआ था।
40 हजार के गबन का सेटलमेंट
अमानत शाखा में पदस्थ एक कर्मचारी के द्वारा 40 हजार रुपए के गबन का भी खुलासा हुआ है। हालांकि इस मामले में आरोपी कर्मचारी से निजी उपयोग में ली गई राशि को वापस बैंक के खाते में जमा करा ली गई है। गबन का यह मामला नवंबर 2020 के दौरान का बताया जा रहा है।
इनका कहना है...
॥गबन के मामले में लगातार राशि बढ़ती जा रही है। यह प्रकरण आर्थिक अपराध से जुड़ा हुआ है। अपराध की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण को ईओडब्लू को हस्तांतरित करने की सिफारिश की जा रही है। हमारी तरफ से शासन को पत्र लिखा गया है।
-मोतीलाल कुशवाह, सीएसपी
Created On :   25 Sep 2021 5:57 PM GMT