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देशभक्ति का अनूठा जज्बा, इस तरह देते हैं महापुरुषों को सलामी

डिजिटल डेस्क, नागपुर । देशभक्ति का जज्बा इस आर्टिस्ट का ऐसा है कि ये महापुरुषों का भेष धारण कर उन्हें सलामी देते हैं। आर्टिस्ट सर्जेराव बाजीराव गलपट कहते हैं कि कवि, संत, महात्मा, विचारक, विद्वान, कलाकार किसी एक कौम के नहीं होते। इनकी विचारधारा से समाज को एक नई दिशा और विचार मिलते हैं, जिससे आम लोगों तक देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम की अलख जागृत होती है। गलपट लोगों के अंदर राष्ट्रप्रेम की भावना को जागृत करते हैं। इसके लिए स्वामी विवेकानंद, क्रांतिकारी भगत सिंह, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, सुभाषचंद्र बोस आदि का भेष धारण करते हैं और उनको नमन करते हैं। गलपट की खासियत यह है कि वे हर महापुरुष के भेष में जंचते हैं। सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर उन्होंने उनका रूप धारण किया।
पहले रिसर्च करते हैं
गलपट कहते हैं कि वे 40 वर्ष से राष्ट्रवीरों के सम्मान में ऐसा कर रहे हैं। यही नहीं, वे करीब 100 से ज्यादा फिल्मों और टीवी सीरियल में अभिनय भी कर चुके हैं। वे कहते हैं कि आज के युवाओं को संदेश देना आवश्यक है कि देश को आजादी बहुत कठिनाई से मिली है। इसकी कीमत समझनी चाहिए। राष्ट्रप्रेम की अलख जगाने के लिए वे पूरी जिंदगी महापुरुषों का रूप धारण करते रहेंगे। ऐसा करने से उन्हें गर्व की अनूभूति होती है। वे किसी भी महापुरुष का रूप धारण करने से पहले उसके बारे में पूरी रिसर्च करते हैं, उनकी जीवनी पढ़ते हैं, फिर रूप धारण करते हैं।
समाज के लिए योगदान है
गलपट आजादी के महापुरुषों का रोल ही प्ले करते हैं। इससे आज़ादी की लड़ाई और उसके महत्व की ओर उनके रुझान का पता चलता है। आज हमारी कला पर भले ही बाज़ार और व्यापार हावी हो गया है, पर स्वाधीनता के लिए संघर्ष के दिनों में अनेक कलाकार आंदोलन से जुड़े थे। इसलिए सर्जेराव बाजीराव गलपट कहते हैं वे आजादी और राष्ट्रवाद का संदेश देते हैं। उनका अंदाज अलग है। ये कार्य वे समाज को नई दिशा देने के साथ-साथ उनकी विचारधारा को गति देती है। आज के संदर्भ में भी उनके मायने सार्थक हैं, सर्जेराव कहते हैं कि यह समाज के लिए उनका योगदान है।
Created On :   23 Jan 2018 2:50 PM IST