पेंच व्याघ्र प्रकल्प में बाघों के संरक्षण व संख्या बढ़ाने पर जोर

Emphasis on conservation and increase of tigers in Pench Tiger Project
पेंच व्याघ्र प्रकल्प में बाघों के संरक्षण व संख्या बढ़ाने पर जोर
तभी बढ़ेगा पर्यटन पेंच व्याघ्र प्रकल्प में बाघों के संरक्षण व संख्या बढ़ाने पर जोर

डिजिटल डेस्क, रामटेक। देशभर में नागपुर टाइगर कैपिटल के नाम से परिचित है। ऐसे में बाघों को बचाने, उसका संवर्धन और संख्या बढ़ाने की विभिन्न उपाय योजनाएं अमल में लाई जा रही हैं। इसके तहत पेंच राष्ट्रीय अभयारण्य में घास उगाने पर विशेष प्रकल्प शुरू है। जंगल क्षेत्र के हिरण, सांबर, नीलगाय, जंगली सुअर जैसे शाकाहारी प्राणियों को बचाने व उनकी संख्या बढ़ानी होगी। इनके रहने पर ही बाघ शिकार कर सकेगा। पूर्व पेंच पिपरिया के वनपरिक्षेत्राधिकारी मंगेश ताटे ने बताया कि, 1995 में पेंच राष्ट्रीय उद्यान को मंजूरी मिली। तब यहां तोतलाडोह नामक बड़ी बस्ती थी। 1972 से यहां मेघदूत जलाशय निर्माण की शुरुअात हुई। तभी से यहां मजदूर व  ठेकेदार निवासरत थे। 2001 में गांव का पुनर्वसन किया गया। उसके बाद भी यहां सिंचाई और मध्यप्रदेश विद्युत मंडल की 100 से अधिक पक्की इमारतों को जमींदोज किया गया। पिछले साल से यहां जंगली प्राणियों के खाद्य के लिए घास का क्षेत्र बढ़ाया गया, जो प्राणियों के लिए अभी खुला नहीं किया गया है। यहां घास का क्षेत्र बढ़ाने का प्रयास जारी है, ताकि  प्रतिवर्ष यहां प्राकृृतिक घास उग सके। उसी प्रकार समीपस्थ कुछ भूखंडों पर जापानी पद्धति से विभिन्न 18 प्रजातियों के पौधे एक बाय एक मीटर जगह में प्रत्येक 3 पौधे लगाए गए हैं। यह पौधे 14 माह में 10 से 12 फीट तक बढ़ने की जानकारी वनपरिक्षेत्र अधिकारी मंगेश ताटे ने दी। यह पौधे प्रति हेक्टेयर 30 हजार के अनुसार डेढ़ हेक्टेयर में 45 हजार पौधे लगाए गए हैं। जिससे यहां बाघ भी निवास कर सकते हैं। 

बाघ दिखाई देने पर बढ़ेगी पर्यटकों की संख्या

यहां पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। बाघ दिखाई देने पर पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा। विशेष क्षेत्र में निश्चित रूप से बाघ दिखाई दें, इसका भी महत्व है। प्रकल्प के माध्यम से जंगल बढ़ाना, घास क्षेत्र घना करना, जिससे घास पर पलने वाले पशुओं की संख्या बढ़ाई जाए। परिणामस्वरूप बाघों की संख्या बढ़ेगी। वनविभाग द्वारा इस दिशा में नियाेजन करने की जानकारी पूर्व पेंच के वनपरिक्षेत्राधिकारी मंगेश ताटे ने दी है। 

Created On :   7 Nov 2021 4:59 PM IST

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