सेवा से बर्खास्त कर्मचारी के परिजन को नहीं मिल सकता अनुकंपा का नियुक्त का लाभ

Employee dismissed from service cannot get compassionate benefit appointment to Family
सेवा से बर्खास्त कर्मचारी के परिजन को नहीं मिल सकता अनुकंपा का नियुक्त का लाभ
सेवा से बर्खास्त कर्मचारी के परिजन को नहीं मिल सकता अनुकंपा का नियुक्त का लाभ

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने लंबे समय तक सेवा से अनुपस्थित रहने के चलते सेवा से बर्खास्त एक कर्मचारी के परिजन को अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र मानने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि अनुकंपा नियुक्ति का उद्देश्य मृत कर्मचारी के परिजनों को तत्काल कष्ट से उबारना है। मौजूदा मामले मे कमर्चारी की पत्नी व बेटे ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आठ साल बाद आवेदन किया है। इसके अलावा मध्य रेलवे में फिटर के रुप में कार्यरत कर्मचारी का निधन नौकरी के दौरान अथवा बीमारी के चलते नहीं हुआ है। इसलिए कर्मचारी के परिजनों की ओर से अनुकंपा नियुक्ति को लेकर किए गए दावे को अस्वीकार किया जाता है।

इससे पहले केंद्रीय प्रशासकीय न्यायाधिकरण (कैट) ने मध्यरेलवे के कमर्चारी बिमसेन चंद्रमोरे के परिजनों की अनुंकपा नियुक्ति से जुड़ी मांग को अस्वीकार कर दिया था। लेकिन  रेलवे को चंद्रमोरे के सेवा से जुड़े लाभ व पेंशन का भुगतान उसके परिजनों को करने का निर्देश दिया था। कैट के इस निर्णय के खिलाफ चंद्रमोरे की पत्नी व बेटे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति केके तातेड व न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि चंद्रमोरे की मौत नौकरी के दौरान अथवा बीमारी से नहीं हुई है।

लगातार लंबे समय (233 दिन) तक ड्युटी पर अनुपस्थित रहने के कारण विभागीय जांच के बाद उसे सेवा से बर्खास्त किया गया था। बाद में कैट ने इस सजा में बदलाव किया था और रेलवे को चंद्रमोरे के सेवानिवृत्ति से जुड़े लाभ उसके परिजनों को देने को कहा था। कैट ने चंद्रमोरे की सेवा बर्खास्तगी की सजा को अनिवार्य सेवानिवृत्त में बदल दिया था। क्योंकि इस बीच चंद्रमोरे का निधन हो गया था। सुनवाई के दौरान रेलवे के वकील ने भी कहा कि हमने कैट के आदेश का पूरी तरह से पालन किया है। इस तरह खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि हमे कैट के आदेश में कोई खामी नजर नहीं आती है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।

 

Created On :   13 Nov 2020 1:38 PM GMT

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