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ग्रेजुएशन की अनिवार्यता की शर्त के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे कर्मचारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने राज्य के ग्राम विकास विभाग के 4 जून 2018 के जीआर पर अंतरिम रोक लगा दी है। दरअसल इस जीआर को जारी करने के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के विविध जिला परिषदों के क्लास-4 कर्मचारियों के क्लास-3 श्रेणी में प्रमोशन की तैयारी की थी। लेकिन कुछ कर्मचारी इस जीआर में दी गई शर्तों का विरोध कर रहे हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में नागपुर जिला परिषद के कर्मचारी रियाज अली और अन्य ने याचिका दायर कर सरकार के इस जीआर को चुनौती दी थी। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने प्रतिवादी प्रदेश ग्राम विकास विभाग और नागपुर जिला परिषद को नोटिस जारी कर 10 सितंबर तक जवाब मांगा है। तब तक कोर्ट ने सरकार के इस जीआर पर अंतरिम रोक लगा दी है।
जीआर के बाद सूची से हट गया नाम
दरअसल ग्राम विकास विभाग ने प्रदेश के विविध जिला परिषदों में कार्यरत अटेंडेंट को जूनियर असिस्टेंट पद पर प्रमोट करने की तैयारी की है। 17 अगस्त 2017 को इसी संदर्भ में नागपुर जिला परिषद ने संबंधित कर्मचारियों की अंतरिम वरिष्ठता सूची जारी की। याचिकाकर्ता 10वीं पास है, उनका नाम भी इस सूची में था। लेकिन सरकार ने 4 जून को जीआर निकला, जिसमें प्रमोशन के लिए ग्रेजुएशन के साथ टायपिंग टेस्ट पास करने और तीन वर्ष का अनुभव होने की शर्त थी। ऐसे में याचिकाकर्ता का नाम वरिष्ठता सूची से हटा दिया गया। जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। जिसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किया है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. तेजस देशपांडे ने पक्ष रखा।
ग्रेजुएट एडमिशन : 103 कॉलेजों में बढ़ेंगी 20% सीटें
इधर नागपुर यूनिवर्सिटी ने 103 कॉलेजों के ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बीएससी, बीकॉम जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों की बड़ी वेटिंग लिस्ट को देखते हुए यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों से सीट बढ़ाने के लिए प्रस्ताव मंगाए थे। करीब 150 कॉलेजों नेयूनिवर्सिटी को यह प्रस्ताव भेजे थे, जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने करीब 103 कॉलेजों में 20 प्रतिशत सीटें बढ़ाई हैं।
बता दें कि विद्यार्थी संगठनों की ओर से लगातार यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की सीटें बढ़ाने की मांग की जा रही थी। जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने कॉलेजों से प्रस्ताव मंगाए थे। इस वर्ष भी पिछले कुछ वर्षों की ही तरह विद्यार्थियों का रुझान पारंपरिक पाठ्यक्रमों की ओर है। इस वर्ष राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज यूनिवर्सिटी के कॉमन एडमिशन शेड्यूल के तहत विविध ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिए जा रहे हैं। ऐसे में यूनिवर्सिटी ने सीटें बढ़ाने का यह निर्णय लिया है।
Created On :   31 July 2018 3:01 PM IST