हड़ताली कर्मचारियों को थमाया नोटिस, अनुशासनहीनता पड़ सकती है महंगी

Employees who are on the strike got notice for the indiscipline
हड़ताली कर्मचारियों को थमाया नोटिस, अनुशासनहीनता पड़ सकती है महंगी
हड़ताली कर्मचारियों को थमाया नोटिस, अनुशासनहीनता पड़ सकती है महंगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। हड़ताली कर्मचारियों को अनुशासनहीनता का नोटिस थमाने से जहां कर्मचारी संगठनों में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ गया है। तीसरे दिन भी राज्य कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही। ग्राम पंचायत, पटवारी कार्यालयों से लेकर स्कूल भी बंद रहे। शहर में पहले दिन से ही सभी सरकारी कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा। प्रशासन की ओर से हड़ताल वापस लेने के लिए दबाव की नीति अपनाई जा रही है। इस बीच जिलाधिकारी कार्यालय ने दूसरे दिन हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।

नोटिस जारी कर उनसे पूछा जाएगा कि क्यों नहीं आप पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाए। खासकर महसूल कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष और सचिव को इसमें टारगेट किया गया है। हड़ताल में जो कर्मचारी शामिल हुए है, उन्हें इन दिनों का वेतन भी नहीं मिलेगा। उधर, जिला परिषद के भी सभी विभाग प्रमुखों को कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। 

काला फीता बांध कर समर्थन 
जिला परिषद स्कूलों में कार्यरत 4877 शिक्षकों में से 2870 कर्मचारी हड़ताल में सहभागी हुए हैं। 45 कर्मचारी पूर्व अनुमति लेकर अवकाश पर हैं। जिप के स्वास्थ्य विभाग में 1311 कर्मचारी हैं। इनमें से 730 कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया। 31 कर्मचारी हड़ताल से पहले ही पूर्व अनुमति लेकर अवकाश पर चले गए। अन्य कर्मचारियों ने काला फीता लगाकर हड़ताल का समर्थन किया है। राजस्व विभाग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शत-प्रतिशत हड़ताल में शामिल हुए। 

90 प्रतिशत जिप स्कूल बंद का दावा
जिला शिक्षक समन्वय कृति समिति अध्यक्ष लीलाधर ठाकरे ने बुधवार को 90 प्रतिशत जिप स्कूल बंद रहने का दावा किया। उन्होंने बताया कि पहले दिन कम प्रतिसाद मिलने से शिक्षक समन्वय समिति की बैठक लेकर सभी शिक्षकों से हड़ताल में सहभागी होने का आह्वान किया गया। संगठन के आह्वान को शिक्षकों का प्रतिसाद मिला। गुरुवार को 100 प्रतिशत स्कूल बंद रखकर शिक्षकों से प्रदर्शन में हिस्सा लेने की अपील अध्यक्ष ठाकरे, सुनील पेटकर, सुनील पाटील, शुद्धोधन सोनटक्के, मनोज घोड़के, राजकुमार वैद्य, स्वाति लोन्हारे, अनिल वाकड़े आदि ने की है। 

कामकाज पूरी तरह ठप 
कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी व जिला परिषद तथा अन्य सरकारी कार्यालयों में दो दिन से कामकाज पूरी तरह ठप रहा। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी तथा शिक्षकों के पूरी ताकत के साथ उतरने से दूसरे दिन हड़ताल का प्रभाव अधिक रहा। जिला परिषद के अधिकांश स्कूल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद रहे। कर्मचारियों के विविध संगठनों ने एकजुट होकर संविधान चौक में सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों तथा कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

सातवां वेतन आयोग लागू करने, अंशदायी पेंशन योजना रद्द कर पुरानी पेंशन योजना लागू करने, पांच दिन का सप्ताह घोषित करने, निजीकरण का विरोध, सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 60 वर्ष करने आदि मांगों को लेकर राज्यव्यापी हड़ताल चल रही है। संपूर्ण सरकारी मशीनरी सड़क पर उतरने से कार्यालयों में काम लेकर आए आम नागरिकों को निराश होकर लौटना पड़ा।

कास्ट्राइब का दावा: अधिकांश कर्मचारी वापस लौटे
हड़ताल में शामिल हुए अधिकांश कर्मचारी दूसरे दिन हड़ताल से वापस लौटने का दावा कास्ट्राइब जिला परिषद कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे ने किया है। उन्होंने कहा कि जिप के वित्त विभाग के सभी कर्मचारी तथा अन्य विभागों के कुछ कर्मचारी बुधवार को कार्यालय में उपस्थित रहे। हड़ताली कर्मचारियों पर अनुशासन उल्लंघन कार्रवाई करने के आदेश तो जारी कर दिए गए, लेकिन इन आदेशों को कर्मचारियों तक पहुंचाने का प्रशासन के सामने भारी संकट खड़ा है। कार्यालयों में कर्मचारी ही नहीं हैं, तो आदेश की प्रिंटिंग से लेकर संबंधित कर्मचारी तक पहुंचाने का काम कौन करे। वरिष्ठ अधिकारियों ने संबंधित विभाग प्रमुखों को कार्रवाई करने के आदेश देकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली। आदेश पर अमल करने वाले अधिकारी के सामने संकट बना हुआ है।

Created On :   9 Aug 2018 12:26 PM IST

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