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खाली प्लाॅट बने डंपिंग यार्ड, लगा गंदगी का ढेर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में तेजी से हो रहे विकास को देखते हुए दूसरे शहरों के नागरिकों ने प्लाॅट खरीद कर रखे हैं। शहर में भी नागरिकों ने भी निवेश के लिहाज से अनेक स्थानों पर भूखंडों को खरीद कर रखा है। लंबे समय से खाली प्लाॅट पर जंगली घास, झाड़ी सहित पेड़ लग चुके हैं। खाली भूखंडों को परिसर के नागरिकों ने भी कचरा डालकर डंपिग यार्ड बना डाला है। इस कचरे में बरसाती पानी जमा होने से मच्छर और कीट पनपने की संभावना बन रही है। इतना ही नहीं, प्लास्टिक के ढेर के बरसाती पानी में बहाव के साथ नालियों को बंद करने की संभावना बन गई है। खाली प्लाॅट के मालिकों के बारे में इलाके के नागरिकों के साथ ही मनपा प्रशासन को जानकारी नहीं है। निजी प्लाॅट की सफाई के लिए प्रशासन कोई खर्च भी नहीं करना चाहता है। इन प्लाॅट की गंदगी से इलाके में डेंगू, मलेरिया सहित अन्य संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना है। वहीं दूसरी ओर मनपा के स्वास्थ्य विभाग के पास शहर भर में मौजूद खाली भूखंडों की जानकारी ही नहीं है। मलेरिया विभाग के मुताबिक गंदगी फैलाने वाले प्लाॅट का सर्वेक्षण कर सूची बनाने का निर्देश दिया जाएगा। हालांकि अब तक इस दिशा में भी कोई पहल नहीं हो पाई है
पिछले साल मनपा के संपत्ति कर विभाग ने कर वसूली के लिए सर्वेक्षण कराया है। इस सर्वेक्षण के दौरान शहर में 1 लाख से अधिक खाली प्लाॅट पाए गए हैं। इन जगहों पर करीब 14 करोड़ 38 लाख रुपए का टैक्स प्रलंबित पाया गया है। इनमें से 99,894 निवासी उपयोग के प्लाॅट और 714 व्यावसायिक उपयोग के भूखंडों का समावेश है। दोनो श्रेणी के प्लाॅट पर लंबे समय से टैक्स प्रलंबित होने से कर विभाग ने नोटिस जारी किया है। खाली भूखंडों से 4.47 करोड़ रुपए का बकाया टैक्स वसूल किया जा चुका है। जल्द टैक्स का भुगतान नहीं करने वाले मालिकों पर दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया है।
खाली भूखंडों पर होगी सख्त कार्रवाई
मिलिंद मेश्राम, उपायुक्त, कर विभाग के मुताबिक शहर में अनेक इलाकों में रिहायशी और व्यावसायिक भूखंडों को खाली रखा गया है। इन भूखंडों के टैक्स का नियमित भुगतान नहीं हो रहा है, दूसरी ओर प्लाॅट पर गंदगी से भी परेशानी हो रही है। भूखंड के मालिकों को सख्त ताकीद देकर प्रलंबित टैक्स वसूल किया जा रहा है। गंदगी फैलाने वाले भूखंडों की पहचान और दंड की जानकारी भेजने पर कर विभाग वसूली कर दे सकता है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग से ऐसी कोई जानकारी अब तक नहीं मिली है।
Created On :   23 May 2022 5:50 PM IST