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ऊर्जा मंत्री राऊत ने कहा- बिजली का निजीकरण करना चाहती है केंद्र सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के ऊर्जामंत्री डॉ नितीन राऊत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का प्रस्तावित बिजली (संशोधन) विधेयक 2020 संवैधानिक जनादेश का उल्लंघन करता है और यह संघीय ढांचे को कमजोर करता है। राउत कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य बिजली के विकेंद्रीकरण और पारदर्शिता के लिए होना चाहिए। ऊर्जा मंत्री ने इस संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग की है। प्रस्तावित संशोधनों पर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ राउत ने कहा कि केंद्र बिजली के उत्पादन और वितरण में राज्य सरकार की भूमिका को कमजोर करना चाहता है। उन्होंने कहा कि सातवीं अनुसूची के तहत भारत का संविधान, केंद्र और राज्य सरकारों को बिजली से संबंधित मामलों पर उचित कानून बनाने के लिए समान अधिकार प्रदान करता है। हालांकि केंद्र सरकार का प्रस्तावित संशोधन बिजली संबधी मामलों को अपने हाथ में लेने का प्रयास है।
प्रस्तावित संशोधन राज्यों को बिजली क्षेत्र से संबंधित मामलों में कमजोर बनाता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिजली का निजीकरण करना चाहती है, इसलिए अलग-अलग तंत्र का इस्तेमाल कर रही है। बड़े औद्योगिक घरानों को बिजली सेक्टर पर एकाधिकार देने के लिए यब साजिश रची जा रही है। इसका उद्देश्य कुछ व्यावसायिक घरानों को लाभान्वित करने का हो सकता है।
Created On :   3 Jun 2020 8:11 PM IST