‘फ्रीज ऑप्शन’ में गड़बड़ी, नो क्लिक करने पर ब्लॉक हो गई सीट, निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की चांदी

Engineering Admission : Mess in the freeze option, seats blocked
‘फ्रीज ऑप्शन’ में गड़बड़ी, नो क्लिक करने पर ब्लॉक हो गई सीट, निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की चांदी
‘फ्रीज ऑप्शन’ में गड़बड़ी, नो क्लिक करने पर ब्लॉक हो गई सीट, निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की चांदी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया में प्रवेश फ्रीज के ऑप्शन में गड़बड़ी के चलते निजी कॉलेजों को कमाई करने का मौका मिलने से उनकी चांदी होगी। निजी कॉलेजों के हाथों में यह कमाने का मौका चलकर आया है, क्योंकि जिन स्टूडेंट्स को पहले राउंड में अलॉट किया गया कॉलेज "नो" फ्रीज कर दिया। उन्हें उम्मीद थी, दूसरे राउंड में उन्हें और अवसर मिलेगा। जिन्होंने फ्रीज ऑप्शन "यस" किया उन्हें उसी कॉलेज में प्रवेश निश्चित करना अपेक्षित था। फ्रीज ऑप्शन में गड़बड़ी से निजी कॉलेजों की चांदी होने का आरोप सामाजिक कार्यकर्ता प्रा. संजय डाहाले ने प्रेस कांफ्रेंस में लगाया।

हुआ यूं कि, जिन स्टूडेंट्स ने पहले राउंड में फ्रीज ऑप्शन को "नो" क्लिक किया, उन सीटों को ब्लॉक कर दिया गया। दूसरे और तीसरे राउंड में उन कॉलेजों में प्रवेश "नो" अलाटमेंट कर दिए गए। अब स्टूडेंट्स पर उन्हीं कॉलेजों में प्रवेश निश्चित करने की बारी आ गई है, जो पहले राउंड में अलॉट किए गए थे, इनमें से जिन स्टूडेंट्स को एनआईटी तथा आईआईटी में प्रवेश मिला है, वे स्टूडेंट्  प्रवेश नहीं लेंगे और सीटें रिक्त रह जाएंगी।

चौथा राउंड 30 जुलाई से 3 अगस्त तक होगा। यह राउंड केवल शासकीय कॉलेजों के लिए होगा। नामचीन कॉलेजों में प्रवेश ले चुके स्टूडेंट्स शासकीय कॉलेज में प्रवेश के लिए पुन: ऑप्शन फार्म भरेंगे। इस राउंड में चयन होने पर निजी कॉलेज छोड़ स्टूडेंट्स शासकीय कॉलेज में प्रवेश लेंगे, ऐसी स्थिति में निजी कॉलेजों की सीटें और रिक्त हो जाएंगी।

निजी कॉलेजों ने मैनेजमेंट कोटे की 20 प्रतिशत सीटे डोनेशन लेकर भर ली है। ब्लॉक की गई सीट तथा शासकीय कॉलेज में चयन होने से निजी कॉलेज छोड़ने पर रिक्त होने वाली सीटे भरने का कॉलेजों को अधिकार दिए जाने पर उन्हें कमाई करने का मौका चलकर हाथ आएगा। सीईटी सेल के अनुसार शेष सीटें भरने के लिए संबंधित कॉलेजों को राउंड प्रक्रिया लेनी होगी। यह अधिकार निजी कॉलेजों को दिए जाने पर प्रवेश के लिए बोली लगेगी और अच्छे अंक लेकर भी गरीब स्टूडेंट्स के इंजीनियर बनने के सपने पर पानी फिर जाएगा। इसमें आरक्षित कोटे के स्टूडेंट्स का सबसे अधिक नुकसान होने का खतरा बना रहेगा। इस खतरे को टालने के लिए प्राप्त अंकों के आधार पर रिक्त सीटें भरने की डाहाले ने मांग की।
 

Created On :   23 July 2018 2:25 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story