इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलजों को एडवांस में मिलेगी 25 प्रतिशत स्कॉलरशिप

Engineering and Polytechnic colleges will get 25% scholarships in advance
इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलजों को एडवांस में मिलेगी 25 प्रतिशत स्कॉलरशिप
इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलजों को एडवांस में मिलेगी 25 प्रतिशत स्कॉलरशिप

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्कॉलरशिप समय पर न मिलने  के कारण आर्थिक संकट से गुजर रहे इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने राहत भरी घोषणा की है। विदर्भ अन-एडेड इंजीनियरिंग कॉलेज एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल से हुई मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार दो हिस्सों में स्कॉलरशिप जारी करेगी। पहले हिस्से में मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2017-18 की स्कॉलरशिप का 25 प्रतिशत हिस्सा एडवांस में ही जारी किया जाएगा। इसके बाद जल्द ही वर्ष 2015-16 और 2016-17 की लंबित स्कॉलरशिप का 70 प्रतिशत हिस्सा सरकार जारी करेगी। 

छात्रवृत्ति की ऑनलाइन प्रक्रिया बंद पड़ी है, ऐसे में कॉलेजों के बिल मैनुअल पद्धति से तैयार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री आवास रामगिरि पर फडणवीस और प्रतिनिधिमंडल की करीब आधा घंटा बैठक हुई।  मुख्यमंत्री से मिले इस आश्वासन के बाद कॉलेज प्रबंधनों के सुर नरम पड़ते दिखाई दिए। प्रतिनिधिमंडल में शामिल जे.डी. इंजीनियरिंग कॉलेज संचालक अविनाश दोरसटवार ने बताया कि फिलहाल संगठन ने अधिवेशन सत्र में अपने मोर्चे का फैसला विचाराधीन रखा है। मुख्यमंत्री के आश्वासन से कॉलेज प्रबंधनों को नई उम्मीद जगी है।
स्टाफ को वेतन देना मुश्किल

दरअसल नागपुर समेत विदर्भ के इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप लंबित है। यहीं कारण है कि कॉलेजों को फीस नहीं मिलने से उनकी आर्थिक हालत चरमरा गई है। इसका असर कॉलेज संचालन पर भी पड़ रहा है। अधिकांश कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को पिछले 6 माह का वेतन भी अदा नहीं किया गया है। 

पांच माह से पोर्टल बंद

प्रदेश में स्कॉलरशिप की प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। इसका जिम्मा संभालने वाली कंपनी मेसटेक का अनुबंध 30 अप्रैल को खत्म हुआ, तब से पोर्टल बंद पड़ा है, जिसके कारण स्कॉलरशिप के किसी भी मसले पर कॉलेज प्रबंधनों को कोई जानकारी नहीं है। विद्यार्थियों के एडमिशन, नवीनीकरण, स्कॉलरशिप की मंजूर राशि से प्रबंधन अनजान है। कॉलेजों के बिल भी लटके पड़े हैं। इसी तरह स्कॉलरशिप की डीबीटी योजना पर भी कॉलेज प्रबंधनों को संदेह है। विद्यार्थियों के बैंक खातों में स्कॉलरशिप की रकम सीधे ट्रांसफर करने के बाद कई विद्यार्थी बराबर फीस अदा करेंगे या नहीं इस पर प्रबंधनों को संदेह है।

 

Created On :   6 Nov 2017 5:33 PM IST

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