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10वीं और 12वीं की मार्कशीट व सर्टिफिकेट में सामने आ रही त्रुटियां
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल को 10वीं और 12वीं कक्षा की अंकसूचियों और प्रमाणपत्रों पर उल्लेखित नामों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। नाम दुरुस्त कराने के लिए विद्यार्थियों को आए दिन बोर्ड के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। परीक्षा का आवेदन भरते समय स्कूल में दर्ज नाम को ही आवेदन में लिखा जाना होता है। स्कूल की ओर से इसकी पूरी सूची बोर्ड को भेजी जाती है। इसके बाद बोर्ड द्वारा तैयार सूची को स्कूल मुख्याध्यापक को भेजा जाता है। इस स्टेज पर स्कूल गलती न पकड़ पाए, तो बोर्ड की सूची में उल्लेखित नाम ही अंकसूची और प्रमाणपत्र पर छपते हैं।
विद्यार्थी टेंशन में
दस्तावेजों के नाम पर हो रही इन गलतियों से विद्यार्थी मानसिक तनाव में हैं। मामले में विभागीय शिक्षा मंडल के वरिष्ठ अधीक्षक अविनाश कन्नमवार ने कहा है कि गलतियों को टालने के लिए मुख्याध्यापकों को विशेष सूचनाएं दी जाती हैं। उनसे अंग्रेजी और मराठी दोनों भाषाओं में विद्यार्थियों का अचूक नाम लिखने के लिए कहा जाता है। इस वर्ष परीक्षा आवेदन भरने के पूर्व किसी नाम में गलती न हो इसका खास ध्यान रखा जाएगा।
महीनों करना पड़ता है इंतजार
जानकारी के अनुसार इतने एहतियात के बावजूद इन दिनों बोर्ड में नाम दुरुस्ती के लिए बड़ी संख्या मंे आवेदन आ रहे हैं। दुरुस्ती के लिए विद्यार्थियों को तय फॉर्मेट में आवेदन के साथ दस्तावेज जोड़ने होते हैं। इसके करीब 15 दिन बाद उन्हें सुधारित दस्तावेज मिलता है, लेकिन वास्तविकता में नया दस्तावेज मिलने में विद्यार्थियों को चार-चार माह का इंतजार करना पड़ रहा है। विद्यार्थी जीवन में बोर्ड परीक्षाओं का विशेष महत्व होता है। उच्च शिक्षा व नौकरी के लिए बोर्ड परीक्षा के ही दस्तावेज मायने रखते हैं। यहां तक की उक्त दस्तावेजों मंे उल्लेखित नाम को ही विद्यार्थी का सही नाम माना जाता है। ऐसे में इन्हीं दस्तावेज में नाम गलत हो, तो विद्यार्थियों की परेशानियां बढ़ जाती हैं।
Created On :   20 Nov 2019 2:13 PM IST