10 मामलों के बाद भी आरपीएसएफ के क्वारंटीन जवानों की निगरानी में ढिलाई

Even after 10 cases, quarantine jawans of RPSF relaxed under surveillance
10 मामलों के बाद भी आरपीएसएफ के क्वारंटीन जवानों की निगरानी में ढिलाई
10 मामलों के बाद भी आरपीएसएफ के क्वारंटीन जवानों की निगरानी में ढिलाई

डिजिटल डेस्क जबलपुर । पिछले दिनों चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में ड्यूटी करने वाला रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स (आरपीएसएफ) का कांस्टेबल 24 मई को कोरोना पॉजिटिव मिला था। वह कटनी से 16 मई को लौटकर स्टेशन स्थित बैरक में ठहरा था, 22 मई को खाँसी-बुखार होने पर रेलवे हॉस्पिटल में हुई जाँच में वह पॉजिटिव मिला। इस घटना के बाद रेल प्रशासन ने उस बैरक के सभी जवानों को क्वारंटीन किए जाने की जानकारी दी, जिनमें से अब तक 9 और जवान पॉजिटिव आ चुके हैं। बैरक के बाकी जिन जवानों को विभिन्न रेल भवनों में क्वारंटीन किया गया है वहाँ उनकी निगरानी नहीं होने के कारण वे न सिर्फ रेलवे क्षेत्र में आवागमन कर रहे हैं, बल्कि ऐसे सार्वजनिक व्यापारिक क्षेत्रों में जा रहे हैं जहाँ लोगों की भीड़ होती है। इससे क्वारंटीन का कोई मकसद पूरा नहीं होता। 
बताया जा रहा है िक वर्तमान में 22 जवानों को रेलवे के स्कूल, 15 जवानों को डिवीजन ट्रेनिंग सेंटर, 14 जवानों को श्वेताम्बरी गेस्ट हाउस, शेष 10 जवानों को ट्रांजिट कैम्प  में क्वारंटीन किया गया है। बताया गया कि इन क्वारंटीन सेंटर्स में से कुछेक में ठहरे जवानों की दिनचर्या आम दिनों जैसी है जिसमें दूसरों से मेेलजोल, बाजार क्षेत्र में जाना भी शामिल है। जानकार मानते हैं कि एक ही जिस बैरक के 10 जवान पॉजिटिव आए हों उनके बाकी में भी संक्रमित की संभावना अधिक होगी, ऐसी स्थिति में क्वारंटीन का सख्ती से पालन जरूरी है। 
 

Created On :   4 Jun 2020 8:57 AM GMT

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