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गार्डनिंग के लिए एक्सपर्ट की सलाह ले रहे लोग, मेडिसिनल पौधे की तरफ भी रूझान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बागबानी के लिए मानसून सबसे अच्छा मौसम माना जाता है। शहर में अब झमाझम बारिश के चलते नर्सरी में पौधों की डिमांड बढ़ती जा रही है। इस बार गार्डनिंग की ओर युवाओं का खास रुझान है। यंगस्टर्स बारिश होने से विभिन्न वैरायटियों के पौधे खरीद रहे हैं। साथ ही वे गार्डनिंग के लिए एक्सपर्ट की सलाह ले रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि इस मौसम में होने वाली उमस पौधों की जड़ को अच्छी तरह से फैलाने में मदद करती है। बारिश के साथ शहर की नर्सरी में इंडोर और आउटडोर पौधे आने की शुरुआत हो गई है। इस सीजन में 40 प्रतिशत तक पौधों की डिमांड बढ़ जाती है। इस मौसम में लगाने जाने वाले 90 प्रतिशत पौधे सही ढंग से पनपते हैं।
छोटी-मोटी बीमारियों में यूज कर सकते हैं
साथ ही यंगस्टर्स मेडिसिनल पौधे जैसे नीम, तुलसी, एलोवेरा, गिलोय, लौंग, पुदीना लगाना प्रिफर कर रहे हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं और इन्हें छोटी-मोटी बीमारियों में यूज कर सकते हैं। साथ ही कई पौधे ऐसे होते हैं जो मच्छर भगाने में मदद करते हैं और हवा को भी साफ करते हैं। ऐसे पौधों में खास हैं गेंदा, लेमन बाम, तुलसी, नीम, लैवेंडर, रोजमेरी, हार्समिंट, सिट्रोनेला आदि। गार्डनिंग के संबंध में युवाओं ने बताया कि वे किस तरह एक्सपर्ट की सलाह पर गार्डनिंग कर रहे हैं। साथ ही बारिश में पौधे लगाना कितना फायदेमंद होता है।
पर्यावरण संरक्षण में दे रहे साथ
जिस तरह हम देख रहे हैं कि इस बार गर्मी के मौसम में पारा ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था इसका सबसे बड़ा कारण है पेड़ों की कटाई। तो मैंने सोचा कि क्यों न बारिश में नए प्लांट्स लगाकर पर्यावरण सरंक्षण में साथ दें। हम युवाओं को ही इसके लिए कदम उठाना होगा। मुझे गार्डनिंग का शौक है इसलिए मैंने पौधे लगाने का काम शुरू कर दिया है। एक्सपर्ट की सलाह पर ऐजेरेंटम, बालसम, एमरेंथस, टोरिनिया, गामफेरिना, कनेर आदि लगाए हैं इन्हें मानसून के दिनों में 15 जून के बाद लगाना जाना चाहिए। इसमें करीब दो-ढाई महीने में फूल आ जाते हैं। साथ ही मेडिसनल प्लांट्स भी लगाए हैं।
आउटडोर में करंजी, कचनार, बाटल ब्रश के पौधे लगा सकते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि नियमित रूप से गमले की गुड़ाई करें। गमलों या क्यारियों की मिट्टी को हवा और पानी अच्छी तरह मिलता रहे इसके लिए पौधों की गुड़ाई करना जरूरी है। गमलों की मिट्टी में उंगली गाड़कर देखें। अगर मिट्टी बहुत सख्त है तो गुड़ाई करें। कम से कम महीने में एक बार मिट्टी की गुड़ाई करें। इससे मिट्टी ढीली रहेगी और अपने आप उग आई घासों की भी सफाई हो जाएगी। -अदिति साहू, स्टूडेंट
पहले सीखा खाद तैयार करना
मुझे गार्डनिंग का शौक है इसलिए मैंने खाद तैयार करने के लिए एक्सपर्ट की सलाह ली। गार्डनिंग के लिए अच्छी खाद सबसे जरूरी है। इसके लिए एक क्विंटल मिट्टी में 25 किलो रेत, एक क्विंटल वर्मी कंपोस्ट, पोटाश और जिंक मिट्टी में मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें। किचन से निकलने वाली वेस्ट सब्जी के डंठल और छिलकों से घर पर खाद तैयार कर सकते हैं। नेचुरल खाद होने से कोई सााइड इफेक्ट नहीं होते। मुझे हरियाली से प्यार है छोटा-सा ही सही, लेकिन अपना गार्डन चाहते हैं। स्पेस की कमी के कारण टेरिस गार्डन तैयार किया है। गार्डनिंग कर सजावटी पौधों और फूलों के अलावा फल-सब्जियां भी लगाई है। -आर्ची बजाज, स्टूडेंट
बारिश के सीजन में सबसे ज्यादा बिक्री
आजकल लोगों में पर्यावरण के लिए अवेयरनेस बढ़ गई है। शहर की विभिन्न नर्सरी की बात करें, तो बारिश के सीजन में 20 हजार से 30 हजार पौधे बिक जाते हैं। साथ ही हम ग्राहक को बताते हैं कि मिट्टी के गमले सबसे अच्छे होते हैं। इन्हें प्लास्टिक की ट्रे पर रख सकते हैं ताकि गंदगी न फैले। मजबूती के लिए सीमेंट के गमलों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। प्लास्टिक के गमले उतने सही नहीं होते, क्योंकि इनमें पौधों का विकास रुक जाता है। मिट्टी के गमलों पर पेंट की जगह गेरू का इस्तेमाल करें। अब सब कुछ हाईटेक हो गया है इसलिए गार्डनिंग के लिए टूल्स भी यूज किए जाते हैं। -अमित मेश्राम, दुकानदार
Created On :   3 July 2019 4:01 PM IST