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जानकारों की चिन्ता और क्राई का आकलन, कोरोना संकट में बढ़ेगी बाल मजदूरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना संक्रमण के चलते उपजे हालात बाल मजदूरी की समस्या और बढ़ाएंगे। जानकारों का मानना है घरेलू उद्योगों के साथ-साथ कृषि और खतरनाक उद्योगों में भी बाल मजदूरों का इस्तेमाल बढ़ेगा। कोरोना संक्रमण के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है।लोगों की नौकरियां जा रही है, गरीबों की माली हालत और खराब है। ऐसे में आशंका है कि वह अपने बच्चों का इस्तेमाल भी कमाई बढ़ाने के लिए करेंगे। बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) ने मामले के जानकारों के साथ एक ऑनलाइन चर्चासत्र का आयोजन किया। जिसमें ज्यादातर की राय थी कि कोरोना संक्रमण के चलते बाल मजदूरी की समस्या और बढ़ेगी। साथ ही कई राज्य सरकारों द्वारा किए गए हालिया श्रम सुधार भी बाल मजदूरों के लिए विपरीत हालात पैदा करेंगे।
अगर इससे निपटना है, तो महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और गृह विभाग को साथ मिलकर काम करना होगा। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में 5 से 14 साल के 40 लाख 35 हजार बच्चे पूर्णकाल, जबकि 50 लाख 76 हजार बचे दिन में कुछ समय मजदूरी करते हैं। वहीं 5 से 18 साल की उम्र तक के काम करने वाले बच्चों की संख्या 3 करोड़ 30 लाख से ज्यादा है।
ऐसे में बच्चों का शोषण रोकने के लिए समाज और सरकारों को एकजुट होकर कदम उठाने होंगे। चर्चा की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि बाल मजदूरी रोकने के लिए बने मौजूदा कानूनों का प्रभावी इस्तेमाल जरूरी है। हमें खुद को बेसहारा समझकर चुप नहीं बैठना चाहिए। देश में बड़ी संख्या में बाल मजदूरों को देखते हुए ऐसे मामलों में दर्ज की जाने वाली एफआईआर की संख्या बेहद कम है। क्राई की मुख्य कार्यकारी अधिकारी पूजा मारवाह ने कहा की कोरोना महामारी के चलते बाल मजदूरी की समस्या बढ़ेगी।
Created On :   12 Jun 2020 6:03 PM IST