एंटीबायोटिक की जगह दी कांचियाबिंद की दवा, लापरवाही से जा सकती थी आंखों की रोशनी

Eye sight could go due to negligence of drug delivery center
एंटीबायोटिक की जगह दी कांचियाबिंद की दवा, लापरवाही से जा सकती थी आंखों की रोशनी
एंटीबायोटिक की जगह दी कांचियाबिंद की दवा, लापरवाही से जा सकती थी आंखों की रोशनी

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। आंखों के इंफेक्शन की समस्या से पीडि़त मरीज की ओपीडी पर्ची में नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा एंटीबायोटिक ड्राप लिखा गया। जब मरीज डॉक्टर की पर्ची लेकर जिला अस्पताल के औषधि वितरण केंद्र पहुंचा तो उसे कांचियाबिंद की दवा थमा दी गई। गनीमत है कि मरीज नेत्र विभाग ड्राप की जांच कराने पहुंच गया। वरना गलत ड्राप डालने से मरीज की आंखों की रोशनी भी जा सकती थी।
आंखों की जलन से पीडि़त चांदामेटा के 62 वर्षीय सलामत पिता नवी खान सोमवार सुबह आंखों की जांच कराने जिला अस्पताल की नेत्र ओपीडी पहुंचा था। आंखों की जांच के बाद डॉक्टर ने सलामत को जेन्टामाइसिन आई ड्राप लिखा था। दवा लेने पहुंचे सलामत को औषधि वितरण केंद्र से टीमोलॉल ड्राप दे दिया गया। टीमोलॉल ड्राप मोतियाबिंद बिगडऩे के बाद होने वाले रोग कांचियाबिंद के मरीजों को दिया जाता है। यह ड्राप लेकर सलामत वापस नेत्र ओपीडी पहुंचा, तब उसे गलत दवा दिए जाने की जानकारी मिली। नेत्र विभाग से जुड़े लोगों के मुताबिक यदि सलामत कांचियाबिंद की दवा एक सप्ताह तक आंखों में डाल लेता तो उसकी आंखों की रोशनी जाने की पूरी संभावना थी।
नर्सिंग छात्राएं बांट रही दवा-
संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ओपीडी के औषधि वितरण केेंद्र में पदस्थ फार्मासिस्ट अस्पताल नहीं आ रही हंै। प्रबंधन ने नर्सिंग छात्राओं को दवा वितरण का कार्य सौंपा है। नर्सिंग छात्राओं द्वारा मरीजों को गलत दवाएं दी जा रही है। जिसका एक नमूना सोमवार को सामने आया।आंखों के इंफेक्शन की समस्या से पीडि़त 62 वर्षीय सलामत चांदामेटा के 62 वर्षीय सलामत पिता नवी खान सोमवार सुबह आंखों की जांच कराने जिला अस्पताल की नेत्र ओपीडी पहुंचा था।उसकी आंखों की रोशनी जाने की पूरी संभावना थी।
क्या कहते हैं अधिकारी-
- औषधि वितरण केंद्र से गलत दवा दिया जाना गंभीर मामला है। इस तरह की लापरवाही पर कर्मचारियों और नर्सिंग स्टाफ से जवाब मांगा जाएगा।
- डॉ. सुशील दुबे, आरएमओ, जिला अस्पताल

 

Created On :   28 Feb 2018 1:07 PM IST

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