फर्जी ऑडियो वायरल, नागपुर में 59 कोरोना मरीज मिलने की बात से मचा बवाल

Fake audio viral 59 corona patients in Nagpur created ruckus
फर्जी ऑडियो वायरल, नागपुर में 59 कोरोना मरीज मिलने की बात से मचा बवाल
फर्जी ऑडियो वायरल, नागपुर में 59 कोरोना मरीज मिलने की बात से मचा बवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर में 3 डॉक्टरों सहित 59 कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज मिलने के फर्जी वीडियो के वायरल होते ही शहर में हड़कंप मच गया। इसका फौरन ही प्रशासन ने संज्ञान लिया और हकीकत जांची। पता चला कि ऑडियो फर्जी है। सोची-समझी चाल के तहत इस तरह के ऑडियो को वायरल किया गया है।  नागपुर में अभी तक मात्र 4 पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिनकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है। उधर, प्रशासन ने दशहत फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उधर, ऑडियो को कोई भी समझदार व्यक्ति सुनेगा तो उसके फर्जी होने का प्रमाण मिल जाएगा। दरअसल, बातचीत के दौरान तमाम ऐसी गलतियां की गई हैं, जो फर्जीवाड़े का खुलासा करती हैं।

ऑडियो में नागपुर के सरकारी लैब पर भी सवाल किए गए हैं खड़े
ऑडियो को ध्यान से सुनने पर पता चलता है कि असामाजिक तत्वों ने यहां के सरकारी लैब पर ही सवाल खड़े किए हैं। बेहतर तकनीशियन नहीं होने और जांच के तरीके तक को गलत करार दिया है। बाकायदा 6 डॉक्टरों की टीम स्वीडन से आने तक की बात कही गई है, जो सरासर गलत है। इसमें यह भी कहा गया है कि यह टीम यहां के स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देगी। पिछले डेढ़ माह में हुई जांचों पर भी सवाल खड़े किए गए हैं।

क्यों है झूठा, यह जानें....
बात करने वाले दो लोगों को महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स (मार्ड) का फुल फार्म तक पता नहीं है। ऑडियो में मार्ड को महाराष्ट्र मेडिकल एसोसिएशन बता रहे हैं। {शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) और इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेयो) दोनों जगह कोरोना जांच की लैब बताई गई है, जबकि नागपुर में फिलहाल सिर्फ मेयो में जांच होती है।

मेडिकल में लैब बनाने का काम चल रहा है। सैंपल को जांच के लिए मुंबई भेजा गया, ऐसी बात ऑडियो में कही गई है।  जबकि सच्चाई यह है कि नागपुर में सैंपल जांच में किसी तरह की परेशानी आने पर पुणे या दिल्ली के इंस्टीट्यूट से संपर्क किया जाता है। ऑडियो में कोरोना पीड़ित एक डॉक्टर को वेंटीलेटर पर बताया गया है। यह सरासर गलत है। एक डॉक्टर फेफड़े की बीमारी के कारण वेंटीलेटर पर जरूर है, लेकिन उसको कोरोना नहीं है। उसकी 2 बार जांच हो चुकी है। ऐसे संकट के समय उसके नाम की अफवाह फैलाई जा रही है। ऑडियो में उसका नाम मिलता-जुलता बताया जा रहा है।

Created On :   25 March 2020 1:42 PM IST

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