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बहनों के हक की जमीन बेचकर करा दी फर्जी रजिस्ट्री....न्यायालय ने दिलाया हक

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/अमरवाड़ा। बहनों के हिस्से की जमीन में फर्जीवाड़ा कर दूसरे को बेच देने के एक मामले में न्यायालय ने सुनवाई के बाद भाई के द्वारा कराई गई रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया है और बहनों को उनका हक देने के आदेश दिए हैं। ग्राम नंदोरा निवासी रूपवती और रेवती बाई पिता बाबूलाल गोली ने अपने साथ हुए छल कपट को लेकर न्यायालय के समक्ष न्याय की गुहार लगाई थी। उनके भाई संतोष गौली ने धोखाधड़ी करते हुए उनके स्थान पर फर्जी महिलाओं को तहसीलदार न्यायालय में खड़ा कर बहनों का हक हड़प लिया। उसने बहनों के हिस्से की कृषि भूमि सुदामा बाई पति भुवन लाल साहू निवासी सिंगोड़ी को रजिस्ट्री कर दिनांक 2 जुलाई 2012 को विक्रय भी कर दिया। इस बात का पता चलने पर दोनों बहनों ने न्यायालय में फर्जी रजिस्ट्री शून्य करने और उनके पिता की भूमि पर पैत्रक हक दिलाए जाने की मांग करते हुए प्रकरण प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों की गवाही के बाद न्यायालय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 1 अमरवाड़ा ने 4 वर्ष पुराने सिविल केस क्रमांक 32/ए-2015 रूपवती विरुद्ध संतोष बगैरा में फैसला सुनाया कि बंटवारा अवैधानिक है तथा विक्रय पत्र शून्य है और यह आदेश किया कि वादी गण बहनों का संपत्ति में बराबर का हक है।
अंगूठे के निशान ने खोला फर्जी रजिस्ट्री का राज
तहसीलदार के समक्ष हुए बंटवारे के दौरान रेवती बाई ने जो अंगूठा लगाया था। इसी अंगूठे के निशान इस प्रकरण का निराकरण करने में मुख्य आधार बने। न्यायालय में रेवती बाई ने बताया कि उसने कभी किसी बंटवारे में अंगूठा नही लगाया। न्यायालय ने अंगूठा निशान की जांच के लिए आदेश किया। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में बताया कि यह अंगूठा निशानी रेवती बाई की नही है। न्यायालय ने अंगूठा निशानी को फर्जी मानते हुए ही इस प्रकरण में आदेश किया कि जो विक्रय पत्र निष्पादित किया गया था वह शून्य है और दोनों बहनें अपनी पैत्रक संपत्ति में नियामानुसार हक पाने की हकदार हैं।
Created On :   19 Dec 2019 5:54 PM IST