अधिकारियों की मिली भगत से भू-माफिया करा रहे करोड़ों की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री

Fake registry of crores of land that is getting land mafia from Bhagat of officials
अधिकारियों की मिली भगत से भू-माफिया करा रहे करोड़ों की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री
अधिकारियों की मिली भगत से भू-माफिया करा रहे करोड़ों की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री



डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। फर्जी रजिस्ट्री का लगातार दूसरा मामला बुधवार को सामने आया। रजिस्ट्री ऑफिस में रजिस्ट्री कराने आए युवक पर संदेह होने पर बुधवार को सब रजिस्ट्रार द्वारा छिंदवाड़ा तहसीदार को सूचना दी गई। रजिस्ट्री के दस्तावेजों का निरीक्षण किया गया तो सिवनी प्राणमोती की तरह पातालेश्वर की जमीन के दस्तावेज भी फर्जी पाए गए। लगातार दूसरा मामला सामने आने के बाद अधिकारियों को अंदेशा है कि जमीन के गोरखधंधे से जुड़ा कोई गिरोह इस पूरे कारोबार में लिप्त हो सकता है।  बुधवार को राजस्व अधिकारियों ने दोनों ही मामलों में एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रकरण पुलिस को सौंपा है। अब इस मामले में आगे की कार्रवाई पुलिस के माध्यम से की जानी है।
बुधवार को सामने आए मामले को लेकर कहा जा रहा है कि पातालेश्वर की चार हजार स्क्वेयर फीट की जमीन की फर्जी रजिस्ट्री की गई थी। इस मामले में गोपाल पिता शोभाराम मालवी का नाम उजागर हुआ है जो बुधवार को फर्जी रजिस्ट्री लेकर रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचा था, लेकिन लगातार दूसरा मामला सामने आने के बाद रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों ने मिलान किया तो पाया कि ऐसी कोई रजिस्ट्री पूर्व में नहीं की गई है। लगातार दो मामले सामने आने के बाद रजिस्ट्री और राजस्व विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। अफसर भी दबी जुबान में कह रहे हैं कि इस प्रकरण में यहां सर्विस प्रोवाइडरों की भूमिका संदिग्ध हो सकती है।
अब आगे क्या...
1. इस मामले में पुनर्विलोपन की कार्रवाई के बाद सभी रिकार्ड दुरुस्त किए जाएंगे। पहले नरेश उईके के नाम दस्तावेजों में अंंकित था, जिसे राजस्व रिकार्ड में चढ़ाया जाएगा। ये सब कलेक्टर के अनुमोदन के बाद ही हो सकेगा। जिसकी कार्रवाई चल रही है।
2. दूसरी रजिस्ट्री को निरस्त करने मेें बड़ी कानूनी पेचीदगियां हैं, क्योंकि दूसरी रजिस्ट्री में नियमों का पूरा पालन किया गया है। इसमें गवाह से लेकर खरीदार, सर्विस प्रोवाइडर और रजिस्ट्री की सभी प्रक्रिया औपचारिक हुई है।
फर्जी रजिस्ट्री के पहले मामले में जारी हुए नोटिस
फर्जी रजिस्ट्री के सिवनी प्राणमोती स्थित जमीन के पहले मामले में तहसील कार्यालय द्वारा खरीदार, विक्रेता, जमीन के भू-स्वामी सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं। इस प्रकरण की सुनवाई के बाद पूरा मामला उजागर होगा। बताया जा रहा है कि राजस्व से जुड़े एक अधिकारी के सामने आने के बाद इस प्रकरण का पता चल पाया। तीसरी बार जमीन को बेचने के दौरान जब दस्तावेजों को सर्च किया गया तो पूरी गड़बड़ी सामने आई। यदि दस्तावेजों का परीक्षण नहीं किया जाता तो तीसरी बार भी सिवनी प्राणमोती की ये जमीन बिक गई होती और इस बार पकड़ में भी नहीं आती, क्योंकि दूसरी रजिस्ट्री पूरी तरह से वैध थी।
गवाहों पर नजर
फर्जी रजिस्ट्री में जिन गवाहों का जिक्र है अब उन पर नजर टिकी हुई है। सिवनी प्राणमोती की जमीन जो सुनील उईके के नाम दर्ज की गई थी। उसमें गवाहों के रूप में आशीष पिता गोपाल राव अड़क निवासी जाम तहसील मोहखेड़ और दूसरे गवाह के रूप में अजय राऊत पिता दशरथ राऊत ग्राम कामठी जिला छिंदवाड़ा अंकित है। जबकि खरीदार के रूप में सुनील उईके पिता काशीराम उईके निवासी ग्राम चारगांव तहसील अमरवाड़ा लिखा हुआ है। सर्विस प्रोवाइडर के रूप अशोक माहोरे का नाम लिखा हुआ है।
दोनों फर्जी रजिस्ट्रियों की एक ही तारीख
सिवनी प्राणमोती और पातालेश्वर के दोनों ही फर्जी रजिस्ट्रियों की प्रति में एक ही तारीख अंकित है। 22 दिसंबर 2017 को ही दोनों फर्जी रजिस्ट्री होना बताया जा रहा है। यहां तक कि सब रजिस्ट्रार भी एक ही बताया जा रहा है। जिसको लेकर भी संदेह है कि दोनों ही रजिस्ट्री के पीछे एक ही मास्टर माइंड का नाम सामने आ सकता है।
इनका कहना है...
॥बुधवार को दूसरी फर्जी रजिस्ट्री भी सामने आई है, जिसके बाद पुलिस को अपराध पंजीबद्ध करने के लिए प्रकरण सौंप दिया गया है। इस मामले में राजस्व स्तर पर भी कार्रवाई जारी है।
-महेश अग्रवाल, तहसीलदार, छिंदवाड़ा
 

 

Created On :   23 Dec 2020 10:54 PM IST

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