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6 विद्यार्थियों ने लिया आरटीई के तहत प्रवेश, जांच-पड़ताल में हुआ खुलासा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आरटीई अंतर्गत नामी स्कूल में प्रवेश पाने के लिए पालक तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं। नागपुर पंचायत समिति कार्यक्षेत्र में ऐसे 6 मामले सामने आए हैं, जिनमें पालकों ने अपने पाल्यों को नामी स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए संबंधित स्कूल से 3 किमी के दायरे में आने वाले पते ऑनलाइन आवेदन में भर दिए। उसी क्षेत्र का निवासी दिखाने के लिए सरपंच से प्रमाणपत्र भी ले लिए। मनचाहे स्कूल में नंबर लगने पर पाल्यों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली। ग्रामीणों को यह पता चलने पर उन्होंने प्रवेश रद्द करने की शिकायत की। गट शिक्षाधिकारी के आदेश पर स्कूल प्रबंधन की जांच-पड़ताल में इस फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग द्वारा ठोस कदम नहीं उठाने से विभाग की भूमिका संदेह के घेरे में आ गई है।
आवेदन में घर का पता बदले
निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत आरक्षित सीट आरटीई अंतर्गत भरी जाती है। इसकी शर्तें पूरी करने के लिए विविध फर्जी दस्तावेजों का आधार लिया जाता है। नागपुर पंस कार्यक्षेत्र में ऐसे ही आष्टी ग्राम के एक नामी स्कूल में प्रवेश पाने के लिए पालकों ने अपने पते ही बदल दिए।
सरपंच से बनवाए प्रमाणपत्र पालकों ने स्कूल से 3 किमी के दायरे में आने वाले बोरगंाव (खुर्द) और येरला (गोन्ही) गांव के पते आवेदन में भर दिए। संबंधित गांव के सरपंच से निवास प्रमाणपत्र भी बनवा लिए। नागपुर पंचायत समिति गट शिक्षाधिकारी ने संबंधित स्कूल को पत्र देकर जांच करवाई, तो सच्चाई सामने आई। फर्जी निवास प्रमाणपत्र के आधार पर प्रवेश दिलाए गए विद्यार्थियों के नाम गार्गी, नाविण्य, तनिष्क, अधिरा, त्रिशा, दक्ष हैं।
सुनवाई होगी
चिंतामण वंजारी, जिला शिक्षाधिकारी के मुताबिक नागरिकों की शिकायत मिलने पर गट विकास अधिकारी को जांच के आदेश दिए थे, लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई गई। प्रकल्प संचालक के सामने सुनवाई रखी जाएगी। उसके बाद ही कोई ठोस िनर्णय लिया जा सकता है।
Created On :   17 Oct 2021 6:21 PM IST