कामगारों की योजनाओं पर फर्जी कामगारों की नजर

Fake workers have their eyes on the schemes of the real workers
कामगारों की योजनाओं पर फर्जी कामगारों की नजर
कामगारों की योजनाओं पर फर्जी कामगारों की नजर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश की सूरत बदलने में निर्माणकार्य से जुड़े कामगारों की अहम भूमिका होती है। कामगारों के कल्याण के लिए बने कल्याणकारी मंडल के पास इस वक्त 8500 करोड़ की निधि है। 8500 करोड़ का जितना सालाना ब्याज आता है, उतना भी कामगारों पर खर्च नहीं होता। सरकारी उपेक्षा के शिकार कामगारों के लिए 2018 अच्छा साबित हुआ और अब कामगारों पर एक तरह से योजनाओं की बारिश ही कर दी गई है। योजनाओं का लाभ कितने कामगारों को मिलेगा, यह तो समय बताएगा। फिलहाल नागपुर जिले में 68 हजार कामगारों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। 

दो दर्जन कल्याणकारी योजनाएं 
निर्माणकार्य के मैप सैंक्शन करने व निर्माणकार्य से जु़ड़े काम करने वाले ठेकेदारों से 1 फीसदी लेबर (कामगार) सेस वसूला जाता है। राज्य में हर साल करीब 1 हजार करोड़ का कामगार सेस वसूला जाता है। कामगारों के कल्याण के लिए बने बांधकाम कामगार कल्याणकारी मंडल के पास 8500 करोड़ की निधि है, जो कामगार व उनके परिवार के कल्याण पर खर्च करनी है। मंडल की स्थापना 2007 में हुई और मई 2015 तक कामगारों के कल्याण के लिए कोई विशेष योजनाएं नहीं चलाई गई। मई 2015 तक नागपुर सहित राज्य में केवल ढाई लाख कामगार ही पंजीकृत थे। मंडल को 2018 में पंख लगे और कामगारों के लिए करीब दो दर्जन कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं।

8 साल तक कामगारों के प्रति सुस्त रहा मंडल 
मंडल की स्थापना 2007 में हुई, लेकिन 8 साल तक मंडल कामगारों के प्रति सुस्त रहा। पंजीकृत कामगारों का मेडिक्लेम किया जाता था। 2015 तक राज्य में रजिस्ट्रेशन भी बेहद कम था और मेडिक्लेम का लाभ भी कामगार नहीं उठाते थे। 8500 करोड़ के ब्याज इतना भी खर्च कामगारों पर नहीं हुआ। कामगारों का पैसा कामगारों पर खर्च करने के उद्देश्य से करीब दो दर्जन कल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई हैं। नागपुर जिले में 2 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन करना है। अभी सेफ्टी व इंसेसिएल किट बांटी जा रही है। कुछ महीने बाद पंजीकृत कामगारों को मध्यान्ह भोजन दिया जाएगा। राज्य के विकास में निर्माणकार्य से जुड़े कामगारों को अहम रोल है। फर्जी कामगार इसमें घुसने की आशंका है। ऐसे कामगारों पर कार्रवाई की जाएगी। 
-मुन्ना यादव, अध्यक्ष महाराष्ट्र राज्य इमारत व इतर 

रजिस्ट्रेशन किया कुछ नहीं मिला

मजदूर तुलसीराम राऊत, करण चौधरी, राजू वानखेडे व रेहान खान कई सालों से निर्माणकार्य से जुड़े काम करते हैं। तीन महीने पूर्व रजिस्ट्रेशन कराया और कामगार कल्याण मंडल कार्यालय की ओर से इन्हें किताब भी मिली। अभी तक इन्हें सेफ्टी किट, इसेंशिएयल किट या औजार (सामान) की खरीदारी के लिए 5 हजार रुपए नहीं मिले। चारों कई सालों से हसनबाग ठिये पर खड़े रहकर जहां काम मिला वहां जाते हैं।

इन्हें मिली किट व 5 हजार रुपए
मजदूर किशोर वानखेड़े को निर्माणकार्य से संबंधित औजार खरीदने के लिए मंडल की ओर से 5 हजार रुपए मिले। इसी तरह योगेश नाम के मजदूर को सेफ्टी किट व इसेंशिएल किट मिली। योगेश को हेलमेट, बूट, बेल्ट, चटाई व टिफिन मिला।

पढ़ाई के लिए ये योजनाएं
कामगार की संतान पहली से चौथी तक पढ़ने पर हर साल ढाई हजार, 5वीं से 10वीं तक हर साल 5 हजार, 11वीं व 12वीं तक हर साल 10 हजार, प्रथम वर्ष से स्नातक तक हर साल 15 हजार, इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए हर साल 60 हजार व डॉक्टर की पढ़ाई के लिए हर साल डेढ़ लाख रुपए व एमएससीआईटी की पढ़ाई के लिए 15 हजार रुपए मंडल की तरफ से दिए जाते हैं। एक परिवार में अधिकतम दो बच्चे इसका लाभ ले सकते हैं। बिचौलिया गड़बड़ न करें, इसलिए निधि कामगार के बैंक खाते में जमा होती है। 

मौत होने पर 5 लाख की सहायता
कामगार की दुर्घटना में मौत होने पर 5 लाख, सामान्य मौत पर 2 लाख, कामगार को शादी के लिए 30 हजार, महिला कामगार को प्रसूति के लिए 15 से 20 हजार, गंभीर बीमारी के लिए 1 लाख रुपए, दुर्घटना में मैात के बाद परिवार को पांच साल तक 2 हजार (प्रति माह) पेंशन मंडल की तरफ से दी जाती है। 
अब 12 लाख पंजीकृत कामगार जिले के 68 हजार सहित राज्य में 12 लाख कामगार पंजीकृत हैं। मई 2015 के बाद कामगारों के पंजीयन में तेजी आई और 2018 से इसमें जबरदस्त तेजी आई। पहले मंडल का अध्यक्ष लेबर कमिश्नर होते थे। मई 2015 से सरकार यहां अध्यक्ष की घोषणा करती है।
घर बनाने के लिए 2 लाख जगह है और कामगार मकान बनाना चाहता है, तो 2 लाख रुपए और प्रधानमंत्री आवास योजना में नंबर लगा तो मंडल की तरफ से 2 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मंडल की ओर से जिले के पंजीकृत कामगारों को सेफ्टी किट व इसेंसिएल किट बांटी जा रही है। सेफ्टी किट में जूते, बेल्ट, हेलमेट व इंसेसिएल किट में डिब्बा, चटाई व मच्छरदानी दी जा रही है। 

कामगार के नाम पर लाभ उठाने की कोशिश
कल्याणकारी योजनाओ की लंबी फेहरिस्त से लालायित कुछ ऐसे लोग भी पंजीयन करने में लगे हैं, जो कामगार है ही नहीं। पंजीयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंडल को जिनकी शिकायत मिली या जिन पर संदेह है ऐसे लोगों का वेरिफिकेशन करेगा। पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Created On :   24 Dec 2018 7:47 AM GMT

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