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पौधों की ऊंचाई बढऩे से कीटनाशक का छिड़काव करना मुश्किल

डिजिटल डेस्क चौरई, छिंदवाड़ा। मक्का उत्पादन के मामले में प्रदेश में अव्वल जिले के किसानों को इस साल फिर फाल आर्मी वर्म के प्रकोप से जूझना पड़ रहा है। लगभग एक सप्ताह से बारिश की कमी के कारण इल्लियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। लगभग दो माह की फसल में पौधों की ऊंचाई तीन फिट से अधिक होने के कारण किसान इल्लियों के नियंत्रण करने कीटनाशक का छिड़काव भी नहीं कर पा रहे हैं। बादलों की बेरुखी से जिले के मक्का उत्पादक किसानों को इस साल तरह-तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जिले के किसानों ने इस साल ढाई लाख हेक्टेयर में मक्का की बोवनी की है। जुलाई माह के पहले पखवाड़े में मक्का में फाल आर्मी वर्म का प्रकोप शुरू हो गया था। किसानों ने कीटनाशक का छिड़काव कर प्रकोप रोकने में सफलता हासिल कर ली। लेकिन बीते एक सप्ताह से मौसम खुला रहने और तेज बारिश नहीं होने के कारण एक बार फिर इल्लियों का प्रकोप बढ़ गया है। जुलाई माह में रिमझिम बारिश और यूरिया का छिड़काव होने के कारण मक्का के पौधों की ऊंचाई तेजी से बढ़ गई है। खेतों में तीन फिट से अधिक ऊंचे पौधों में कीटनाशक का छिड़काव कर पाना किसानों के लिए संभव नहीं है।
पत्ती ही नहीं तनों को खा रही इल्ली
चौरई के किसान श्रीराम वर्मा, संदीप सराठे ने बताया कि वर्तमान में मक्का के पौधों में फूल भी आने लगे हैं।
पहले इल्लियां केवल मक्का के पत्तों में नजर आती थी अब तनों में भी इल्लियां नजर आने लगी हैं। तने खोखले होने के कारण पौधे टूट रहे हैं। इससे मक्का का उत्पादन और गुणवत्ता प्रभावित होगी। तेज बारिश नहीं होने से इल्लियां एक पौधे से दूसरे पौधे तक पहुंच रही हैं।
इनका कहना है
मक्का की फसल ऊंची होने की दशा में कीटनाशन का छिड़काव करने में परेशानी होती है। ऐसी स्थिति में कास्टिक सोडा या चूने के पानी का घोल बनाकर तनों में डालना चाहिए।
डॉ. विजय पराडकर, कृषि वैज्ञानिक
Created On :   11 Aug 2021 4:18 PM IST