- Dainik Bhaskar Hindi
- City
- Farmers do not want to give their land for bullet train project
दैनिक भास्कर हिंदी: बुलेट ट्रेन के लिए जमीन देना नहीं चाहते किसान, कई गांव प्रभावित

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार काफी संजीदा है। मोदी सरकार चाहती है कि मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन 2022 तक दौड़ने लगे। लेकिन जमीन अधिग्रहण में ही रोड़ा पैदा हो रहा है। किसान जमीन अधिग्रहण के विरोध में उतर आए। ठाणे और पालघर जिले के करीब 108 गावों की जमीन इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की जानी है। ग्रामीण का कहना है कि बगैर हमसे पूछे सरकार ने इन जमीनों का अधिग्रहण शुरु कर दिया है। बुलेट ट्रेन के जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। पर जिसकी जमीन है, उनको विश्वास में नहीं लिया गया है। दिवा के आगासान, पडले, देसई, म्हातर्डी गावों के लोगों की जमीनें बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए अधिग्रहित होनी है।
कितनी जमीन की जरूरत
बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 1400 हेक्टेयर जमीन की जरूरत पड़ेगी। इसमें से अधिकांश जगह गुजरात में है। महाराष्ट्र में 353 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जानी है। ये जमीनें ठाणे और पालघर जिले की हैं। फिलहाल 17 गांवों के लोगों को नोटिस दिया गया है। यह ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच 508 किलोमीटर की दूरी में चलेगी। प्रोजेक्ट के कामकाज का जिम्मा नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसी) के पास है। कंपनी के एमडी अचल खरे के मुताबिक, हाई स्पीड कॉरिडोर के ब्रिज और टनल के डिजाइन का काम 80% पूरा हो चुका है। साथ ही महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बता दें कि पिछले साल नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अाबे ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी थी। 2022 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण
- न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अचल खरे ने बताया कि हाई स्पीड कॉरिडोर के ब्रिज और टनल के डिजाइन दिल्ली, मुंबई और जापान की कंपनियों ने तैयार किए हैं। इसके लिए सर्वे और मिट्टी का टेस्ट चल रहा है। प्रस्तावित कॉरिडोर मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स से शुरू होगा और अहमदाबाद के साबरमती रेलवे स्टेशन पर खत्म होगा।
- शुरुआती तौर पर महाराष्ट्र और गुजरात में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बुलेट ट्रेन का रूट महाराष्ट्र के 108 गांवों से गुजरेगा। अधिग्रहण के लिए पालघर जिले के 17 गांव के किसानों को नोटिस दिया है। उन्हें मौजूदा मार्केट रेट के मुताबिक मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान है।
गणतंत्र दिवस : स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन में मनाया गया गणतंत्र दिवस समारोह
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में 74वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. डी.एस. राघव निदेशक, स्कोप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन उपस्थित थे। गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में डॉ. सत्येंद्र खरे, सेक्ट कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल एजुकेशन के प्रिंसिपल, डॉ. नीलम सिंह, सेक्ट कॉलेज ऑफ बीएड की प्रिंसिपल और डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी, स्कोप पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुएl कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. डी.एस.राघव ने झन्डा फंहराया गया तथा विद्यालय के छात्र छात्राओं ने अनुशासन एवं कौशल का परिचय देते हुए आकर्षक परेड की प्रस्तुति दीl विद्यालय के बच्चों द्वारा शारीरिक व्यायाम के महत्व को प्रकट करते हुए मनमोहक पीटी प्रस्तुत की गई l
स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, बी.एड कॉलेज, स्कोप प्रोफेशनल कॉलेज तथा स्कोप स्कूल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय एकता अखंडता एवं देश प्रेम से ओतप्रोत प्रस्तुतियां दीl कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण उरी हमले पर आधारित नृत्य नाटिका तथा रानी लक्ष्मीबाई के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को चित्रित करता हुआ नृत्य गीत था। मुख्य अतिथि डॉ डीएस राघव ने अपने संबोधन में कहा कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ईमानदारी एवं पूर्ण निष्ठा के साथ करते हैं तो यही आज के समय में हमारी सच्ची देश सेवा है। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्राचार्या डॉ. प्रकृति चतुर्वेदी ने सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम की आयोजन समिति के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हम अपने उद्देश्य के प्रति ईमानदार रहेंगे और उसके प्रति पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करेंगेl
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: रेलवे की नई लापरवाही, गलत रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई ट्रेन
दैनिक भास्कर हिंदी: 2022 तक पटरी पर दौड़ने लगेगी अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन
दैनिक भास्कर हिंदी: कांग्रेस का रेल रोको आंदोलन, ट्रेन रोकने के पहले ही गिरफ्तार हुए कार्यकर्त्ता
दैनिक भास्कर हिंदी: माओवाद का दंश झेल रहीं नाबालिग लड़कियां, होती हैं यौन शोषण का शिकार