बुआई के लिए रिस्क उठाना नहीं चाहते किसान, अभी और करेंगे इंतजार

Farmers do not want to take risk for sowing, they want to wait
बुआई के लिए रिस्क उठाना नहीं चाहते किसान, अभी और करेंगे इंतजार
बुआई के लिए रिस्क उठाना नहीं चाहते किसान, अभी और करेंगे इंतजार

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। गत वर्ष मौसम की दगाबाजी से सबक लेते हुए इस बार जिले के किसान रिस्क नहीं उठाना चाहते। मौसम विभाग द्वारा अच्छी बारिश का अनुमान होने के बावजूद भी किसानों ने अब तक बुआई में रूचि नहीं दिखाई है। गत वर्ष 20 जून तक 4 हजार 357  हेक्टेयर पर नर्सरी एवं 332  हेक्टेयर पर फसल बुआई हो गई थी। जो इस वर्ष फसल शून्य हेक्टेयर एवं नर्सरी सिर्फ 502  हेक्टेयर पर किसानों ने लगाई है। जब तक अच्छी बारिश नहीं होती तब तक नर्सरी लगाना वे नहीं चाहते।

बता दें कि मृग नक्षत्र के प्रारंभ में नर्सरीज लगाने पर उचित समय में रोपाई कार्य पूर्ण होने से उत्पादन अच्छा होने का किसानों का मानना है। इसलिए अधिकांश किसान मृग नक्षत्र में नर्सरी लगाने को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन विगत कुछ वर्षों में बारिश ऐन वक्त पर धोखा दे रही है। बारिश नहीं होने पर दूसरी बार-तीसरी बार किसानों को बुआई की नौबत आ जाती है। इसलिए अब किसानों ने हड़बड़ी न करते हुए अच्छी बारिश होने पर ही बुआई करने को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है। वैसे तो इस बार अच्छी बारिश होने का अनुमान मौसम विभाग ने लगाया है, लेकिन फिलहाल जिले में बारिश नदारद होने से बुआई कार्यों में किसान हड़बड़ी नहीं कर रहे है। यही वजह है कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक 4 हजार हेक्टेयर बुआई कम हुई है।

गत वर्ष 4 हजार 347  हेक्टेयर क्षेत्र में नर्सरी एवं 503  हेक्टेयर क्षेत्र में फसल की बुआई पूर्ण हो गई थी। जो इस वर्ष नहीं के बराबर है। इस वर्ष मृग नक्षत्र में मध्यम बारिश, आद्रा-मध्यम, पुनर्वसु-मध्यम, पुष्य-मध्यम, आश्लेषा-अधिक, मघा-अधिक, पूर्वा-अधिक, उत्तरा-मध्यम, हाथी-कम, चित्रा-अधिक एवं स्वाती नक्षत्र में अत्यल्प बारिश होने का अनुमान जताया गया है। 8 जून से मृग नक्षत्र की शुरूआत हुई है। पहले ही दिन अच्छी बारिश होने के बाद अब मेघ नहीं बरस रहे है। जिससे चाहकर भी किसान बुआई नहीं कर पा रहे है। पिछले वर्ष सूखे की स्थिति से किसान आर्थिक संकट के सदमे से अब भी बाहर नहीं निकला है। जिसके चलते इस वर्ष की बारिश को लेकर वह सोच में पड़ गया है।

उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष अल्प बारिश हुई थी, लेकिन इस वर्ष भी अब तक गत वर्ष की तुलना में 41 मिमी औसतन बारिश कम हुई है। गत वर्ष की तुलना में 40  प्रतिशत बारिश कम होना किसानों के लिए चिंता का विषय है। अब कृषि कार्य के लिए किसानों की नजरें आसमान की ओर टिकी हुई है। वे अब मौसम विभाग के अंदाज पर नहीं बल्कि प्रत्यक्ष होनेवाली बारिश के आधार पर कृषि कार्यों को बढ़ाना चाहते हैं।

इसलिए लगा ब्रेक
मानसून के शुरूआती बारिश के पश्चात लंबा खंड होने के कारण किसान बुआई के लिए हड़बड़ी न करें, अच्छी बारिश होने पर ही नर्सरी एवं फसल की बुआई करना शुरू करने का आहवान कृषि विभाग ने किया था। इसके आधार पर किसानों ने बुआई पर ब्रेक लगा दिया। जल्द ही अच्छी बारिश नहीं होती तो कृषि कार्य लेटलतीफ होने से उसका असर उत्पादन पर पड़ सकता है।

कृषि केंद्रों पर सन्नाटा
अपेक्षा से कम बारिश होने के कारण किसानों ने कृषि कार्यों पर ब्रेक लगा दिया है। बुआई कार्य बंद होने से धान की बीज, खाद एवं अन्य सामग्री की खरीदी भी वे नहीं कर रहे है। ग्राहकों के अभाव में जिले के कृषि केंद्रों पर सन्नाटा छाया हुआ है। किसानों को बारिश का एवं कृषि केंद्रों को किसानों का इंतजार है। 
 

Created On :   20 Jun 2018 3:54 PM IST

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