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पिता ने ही रची थी अपनी बेटी की बलि देने की साजिश
डिजिटल डेस्क, यवतमाल। बाभुलगांव तहसील के मादणी में 18 वर्षीय बेटी की बलि देने के प्रयास का पर्दाफाश हो गया। पुलिस सही वक्त पर मौके पर पहुंचने से युवती की जान बच गई। इस नरबलि के प्रयास का मास्टरमाइंड पिता ही निकला। उसने घर में गुप्तधन होने की जानकारी देकर उसे निकालने के लिए सोची समझी साजिश के तहत तांंत्रिक और गुप्तधन खोजनेेवाली महिलाओं को बुलाया था। गुप्तधन निकालने के लिए ही नरबलि आवश्यक होने से बेटी की बलि दी जा रही थी। इस साजिश में वाल्मीक रमेश वानखडे नामक तांत्रिक भी था। दो दिन के पीसीआर में बाभुलगांव के थानेदार रवींद्र जेधे ने इस मामले में 9 आरोपियों से पूछताछ की।
जिसमें इससे पहले आरोपियों ने कहीं गुप्तधन की खोज की क्या इसकी जानकारी ली। लेकिन आरोपियों ने यह पहला प्रयास होने का बताया। इस मामले में शामिल दो महिलाएं गुप्तधन किस जगह है यह तांत्रिक को बतानेवाली थी। इस नरबलि प्रयास के मामले में नंबर 2 का आरोपी विजय बावणे को लड़की के पिता ने बताया था कि उसके घर में गुप्तधन है। उसे निकालने के लिए तगड़ा तांत्रिक चाहिए। विजय बावणे ने ही रालेगांव के इस तांत्रिक से संपर्क कर इस बारे में बताया था। विजय बावणे का जमाई विनोद चुनारकर रालेगांव में रहता है। विनोेद के पास आकाश शत्रुघ्न धनकासार नामक ड्राइवर है। जिसका विजय बावणे के यहां आना-जाना था। जिससे बावणे ने आकाश को रालेगांव में तांत्रिक और गुप्तधन निकालनेवाले, कोई हो तो बताने की बात कही थी। रालेगांव में आकाश के घर के पास तांत्रिक वाल्मीक वानखडे रहता है। आकाश ने उसके साथ मादणी में एक व्यक्ति के घर में गुप्तधन निकालने की बात कही थी। जिसके चलते फोन पर लड़की के पिता के साथ तांत्रिक से बात करवाई गई थी। बाद में यह लोग कहीं मिले भी थे। जिसके चलते इन लोगों को गुप्तधन निकालने के लिए कौन सा दिन अच्छा है यह देखकर 26 अप्रैल की रात का मुहूर्त तय किया गया था। उसी के चलते यह सभी 9 लोग वहां इकठ्ठा हुए थे। इसमें यह महिलाएं भी गुप्तधन कहां दबा पड़ा है यह बताने में माहित होने की जानकारी है। इस प्रकार नरबलि के प्रयास और गुप्तधन निकालने की खिचड़ी पकी थी।
Created On :   28 April 2022 6:58 PM IST