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पूर्व विदर्भ में धान के स्थानीय बीज के लिए केंद्र से एफसीआई ने लगाई गुहार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र में पूर्व विदर्भ धान के पारंपरिक उत्पादन में समृद्ध है। पोषक तत्वों से भरपूर पारंपरिक धान को बाजार में उचित दाम नहीं मिलने तथा खरीदी प्रक्रिया में नजरअंदाज किए जाने से किसानों का प्रतिसाद कम हो रहा है। धान की पोषक प्रजातियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए संशोधन संस्कृति को जीवित रखना होगा। इसके लिए राष्ट्रीय खाद्यान्न महामंडल यानी एफसीआई तथा राज्य के खाद्यान्न व नागरी आपूर्ति विभाग ने केंद्र और राज्य स्तर पर कृषि विभाग से नीति तैयार करने की गुहार लगाई जाएगी। केंद्र सरकार के खाद्यान्न् व नागरी आपूर्ति विभाग सचिव सुधांशु पांडे ने यह घोषणा की। होटल रेडिसन ब्लू में विभाग स्तरीय खाद्यान्न व वितरण तथा आपूर्ति अधिकारियों की बैठक में पांडे बोल रहे थे। विभागीय आयुक्त प्राजक्ता लवंगारे, राज्य के खाद्यान्न व सार्वजनिक वितरण सचिव िवजय वाघमारे, खाद्यान्न व नागरी आपूर्ति विभाग के राज्य महाप्रबंधक मनमोहन सिंह सारंग, विभागीय प्रबंधक नरेंद्र कुमार, मार्फड मुंबई के महाप्रबंधक डॉ. अतुल नरेकर, आपूर्ति उपायुक्त रमेश आड़े तथा विभाग के जिलाधिकारी उपस्थित थे। अनेक विषयों पर की चर्चा सार्वजनिक वितरण व्यवस्था का सबलीकरण, खरीदी व्यवस्था, अनाज संग्रहण, विविध योजना अंतर्गत अनाज वितरण, धान खरीदी, राइस ब्रॉन तेल को बढ़ावा, मिलिंग, दलहन खरीदी, खाद्यान्न वितरण, किसानों के माल को बाजार मूल्य उपलब्ध करने, किसानों के उत्पादन में वृद्धि, कृषि अाधारित उद्योगों को बढ़ावा देने आदि विषयों का जायजा लिया गया। पूर्व विदर्भ में धान उत्पादक क्षेत्र रहने से विविध बीज पारंपरिक है। उसकी गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए जनजागरण जरूरी है। इसे गंभीरता से लेकर विभाग ने केंद्र सरकार के कृषि विभाग से उचित उपाय योजना करने के लिए पत्र-व्यवहार किया है। राज्य स्तर पर सचिव से कृषि विभाग को इस समस्या से अवगत कराने का पांडे ने सूचित किया। बैठक में चंद्रपुर के जिलाधिकारी अजय गुल्हाने, गोंदिया के जिलाधिकारी नयना गुंडे, भंडारा जिलाधिकारी संदीप कदम, वर्धा जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार, आपूर्ति विभाग उपायुक्त रमेश आड़े उपस्थित थे।
Created On :   5 Dec 2021 4:15 PM IST