स्टूडेंट और पेरेंट्स को सता रहा एग्जाम का डर, अब एक्सपर्ट्स से करवा रहे काउंसलिंग

Fear of examining to students and parents, counseling from experts
स्टूडेंट और पेरेंट्स को सता रहा एग्जाम का डर, अब एक्सपर्ट्स से करवा रहे काउंसलिंग
स्टूडेंट और पेरेंट्स को सता रहा एग्जाम का डर, अब एक्सपर्ट्स से करवा रहे काउंसलिंग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने में करीब डेढ़ माह का समय शेष है। इसको लेकर स्टूडेंट्स अभी से तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में वह स्ट्रेस फ्री होकर एग्जाम दे पाएं, इसकी जिम्मेदारी सीबीएसई स्कूलों के क्लास टीचर्स और काउंसलर्स ने उठाया है। इनकी ओर से स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है। इस प्रक्रिया में एक्सपर्ट पहले स्टूडेंट्स की मानसिक स्थिति को समझ रहे हैं कि उन्हें सबसे ज्यादा डर किस सब्जेक्ट में लग रहा है। इसके बाद उनकी काउंसलिंग कर भय को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

पैरेंट्स को बताया जा रहा है कि एक्जाम में टॉप करने के लिए वे अपने बच्चों पर दबाव न बनाएं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि परीक्षा के समय बच्चों पर अच्छे मार्क्स लाने का प्रेशर रहता है, इसलिए उन्हें तनाव से मुक्त होने के उपाय सुझाए जा रहे हैं। एक्सपर्ट की ओर से उनके लिए प्लानिंग तैयार की जा रही है, जिसका फायदा उन्हें मिल सकेगा।

बच्चे को राय दें, थोपे नहीं
काउंसलर बता रहे हैं कि माता-पिता बच्चे का दोस्त बनें और उसे फ्री छोड़ दें। उसे राय दें, लेकिन कोई भी बात थोपें नहीं। उसके साथ क्वालिटी टाइम शेयर करें। एक हफ्ते की छुट्टी लें और बच्चे के साथ टाइम बिताएं। बच्चे की तैयारी के बारे में जानने की कोशिश करें। यह ध्यान रखें कि बातचीत में कहीं भी बच्चे को यह न लगे कि आप उसकी पढ़ाई को अपने हिसाब से कंट्रोल करना चाहते हैं। उसे अहसास कराएं कि आप सिर्फ उसकी मदद करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

बोर्ड एग्जाम पर फोकस करें
अगर किसी सवाल का जवाब 10 लाइन का है, तो उसे रिवीजन के दौरान दो लाइन में लिख लें। इस तरह आपके पास लगभग दो पेज में पूरा सब्जेक्ट आ जाएगा। इसे कंसाइज नोट्स कहते हैं। इसे रिवाइज करने में आसानी होगी और कम वक्त लगेगा। कई स्टूडेंट्स 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ एंट्रेंस टेस्ट की भी तैयारी करते हैं। ऐसे में छात्रों को पूरी तरह बोर्ड एक्जाम पर ही फोकस करना चाहिए। इसलिए अपना नजरिया उसी हिसाब से सेट करना चाहिए। किसी भी प्रकार के फॉर्मूले छात्रों की उंगलियों पर होने चाहिए।

टीचर्स करेंगे स्टूडेंट्स से संपर्क
स्कूलों की ओर से टीचर्स को निर्देश दिए गए हैं कि अपनी क्लास में छात्रों के संपर्क में ज्यादा से ज्यादा रहें। चूंकि टीचर्स छात्रों को साल भर क्लास में पढ़ाते हैं, तो उन्हें पता रहता है कि कौन सा छात्र किस सब्जेक्ट में कमजोर है। उनके पास हर छात्र की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी होती है, जिससे वे छात्रों की स्थिति का सही आकलन कर पाते हैं। ऐसे में 10-10 दिन के अंतर में वह सभी छात्रों की काउंसलिंग कर सकेंगे। साथ ही टीचर्स, छात्रों की समस्याओं का समाधान भी कर सकेंगे।

 

Created On :   17 Jan 2019 1:57 PM GMT

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