मिस महाराष्ट्र क्वीन का अंतिम राउंड 5 अगस्त को, 16 प्रतियोगी लेंगी हिस्सा

Final round of Miss Maharashtra queen will be on date August 5
मिस महाराष्ट्र क्वीन का अंतिम राउंड 5 अगस्त को, 16 प्रतियोगी लेंगी हिस्सा
मिस महाराष्ट्र क्वीन का अंतिम राउंड 5 अगस्त को, 16 प्रतियोगी लेंगी हिस्सा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दीपाली मित्रा व रोटरी क्लब उत्तर नागपुर के संयुक्त तत्वाधान में मिस महाराष्ट्र क्वीन 2018 के अंतिम दौर का प्रदर्शन 5 अगस्त को चिखली कलमना रोड स्थित नैवेद्ययम एस्टोरिया में शाम 7 बजे आयोजित किया जाएगा। इस दिन पूरे प्रदेश में से सबसे खूबसूरत व अग्रणी को चुना जाएगा। प्रतियोगिता की मेजबानी करने का मौका उपराजधानी को प्राप्त हुआ है। प्रतियोगिता के अंतिम दौर के लिए फैशन, सौंदर्य व मनोरंजन क्षेत्र की प्रसिद्ध हस्तियां निर्णायक होंगी।

22 जुलाई को अंतिम चरण के लिए चुनने के लिए पूरे प्रदेश से प्रतियोगियों को बुलाया गया था। इनका रामनगर स्थित आईएनआईएफडी में ऑडिशन हुआ। इनमें से 16 प्रतियोगियों को चुना गया है, जो 6 अगस्त को आयोजित अंतिम दौर की प्रतियोगिता में भाग लेंगी। 22 जुलाई को आयोजित ऑडिशन में परवीन तुली, ज्योति कपूर, कवीता शाह, रुमाना रंगूनवाला, अनीश राय, रीचा सुगंध एवं मोहम्मद मिराज व तुषार महाजन ने प्रतियोगियों को परखा व जज किया व इनमें से 16 प्रतियोगियों को अंतिम दौर के लिए चुना। इस आयोजन की परिकल्पना दिनेश मिश्रा की रही। आयोजकों से उनकी वेबसाइट www.maharashtraqueen.com पर संपर्क किया जा सकता है। बेवसाइट पर परिणामों को भी प्रदर्शित किया गया है। 

अंबेश यादव कहते हैं- लक्ष्य तय हो तो मंजिल आसान होती है
दिव्यांगता अभिशाप नहीं है। दिव्यांग आज विभिन्न भूमिकाओं में नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। ऐसे ही देश के पहले दिव्यांग निर्माता अंबेश यादव देश के पहले विकलांग निर्माता, निर्देशक बन गए हैं, जिन्होंने फिल्म गंगेश्वरी बनाकर साबित कर दिया है कि फिल्म निर्माण के कार्य में दिव्यांग भी किसी से कम नहीं हैं। अंबेश यादव उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और कई वर्षों से फिल्मी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। गत दिवस नागपुर आए अंबेश ने बताया कि वे संगीतकार रवीन्द्र जैन के बाद देश के पहले विकलांग हैं, जिन्होंने फिल्म बनाई है।

तमाम मुश्किलों को धता बताते हुए फिल्म मेकिंग की। नागपुर के फिल्म निर्माता निर्देशक के. मरास की फिल्म "वैशाखी वाला मेला" के पोस्टर डिजाइन करने वे नागपुर आए हुए थे। के. मरास के कार्यालय में उन्होंने अपने पोस्टर मेकिंग के बारे और फिल्म मेकिंग के बारे में बताया। अंबेश कई बड़ी फिल्मों के पोस्टर मेकिंग कर चुके हैं। वे बताते हैं कि वे कभी यह नहीं देखते हैं कि किस फिल्म का बजट कितना है। वे लगन से पोस्टर मेकिंग करते हैं और फिल्में भी बनाते हैं। वे कहते हैं कि लक्ष्य तय हो तो मंजिल आसान होती है।

मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है अम्बेश यादव ने कहा कि फिल्म "गंगेस्वरी" 12 वर्षाें में तैयार हुई है। फिल्म अगस्त में रिलीज होने जा रही है। उन्होंने बताया कि यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है। यादव ने बताया कि फिल्म "गंगेस्वरी" सामाजिक, सांस्कृतिक और एक पारिवारिक फिल्म है। इसके माध्यम से समाज को एक नई सोच देने की बात कही गई है।


 

Created On :   23 July 2018 2:52 PM IST

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