अंतत: खबर के बाद उन होटलों पर पुलिस ने दी दबिश

Finally, after the news, the police raided at those hotels
अंतत: खबर के बाद उन होटलों पर पुलिस ने दी दबिश
अंतत: खबर के बाद उन होटलों पर पुलिस ने दी दबिश

डिजिटल डेस्क,नागपुर। नागपुर-अमरावती एवं नागपुर-वर्धा के हाईवे पर मौजूद विभिन्न होटलों एवं ढाबों में अवैध शराब परोसे जाने की खबर भास्कर डॉट काम में आने के बाद पुलिस ने इन होटलों पर दबिश दी लेकिन संबंधित दुकानदारों ने सुबह से ही अपने दुकानों पर रखे अवैध शराब के स्टाॅक को ठिकाने लगा दिया। यह मामला पुलिस प्रशासन के गलियारों में गर्माया तो संबंधित हाईवे से जुड़े थानों के मुखियाओं ने विशेष मुहिम चलाकर करीब 4 होटलों के खिलाफ छापेमार कार्रवाई की। हालांकि कार्रवाई के पूर्व ही होटल को शराब मुक्त किए जाने के कारण पुलिस को कोई सामग्री बरामद नहीं हो पाई और पुलिस बैरंग लौट आई। 

हद कर दी उत्पादन शुल्क विभाग ने
 राज्य उत्पादन शुल्क विभाग की लचर कार्यप्रणाली भी इस समय उजागर हुई। अपने कार्यालयीन कामकाज में व्यस्त आबकारी विभाग के आला अधिकारियों ने इसकी दखल तक नहीं ली। निष्क्रियता की हद तक डूबे आबकारी विभाग की ओर से कार्रवाई की कोई पहल नहीं किए जाने के चलते इसकी कार्यप्रणाली पर अनेक सवाल उठने लगे हैं।

रात में बढ़ाएंगे गश्त
वाड़ी पुलिस स्टेशन के थानेदार नरेश पवार ने बताया कि गुरुवार को 4 पुलिस जवानों के साथ टीम बनाकर स्वयं इन होटलों पर छापामार कार्रवाई करने पहुंचा, किंतु सुबह से ही स्टिंग ऑपरेशन की खबर पढ़कर सजग दुकानदारों ने शराब के स्टॉक को हटा लिया था। हिंगना पुलिस स्टेशन के थानेदार मोरेश्वर बारापात्रे ने बताया कि उन्होंने भी दोपहर को पुलिस की टीम भेजी, किंतु कामयाबी नहीं मिल पाई। अब वे नियमित रूप तौर पर शाम से देर रात तक पुलिस की गश्त बढ़ाते हुए इन होटलों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखेंगे। 

महामार्ग से जुड़े गांवों में चर्चा
आबकारी विभाग एवं पुलिस विभाग की संबंधित होटल मालिकों के साथ मिलीभगत से ही अवैध शराब बिक्री होने की चर्चा महामार्ग के गांवों के ग्रामीण करते हुए देखे गए। आबकारी विभाग को नियमित ‘दक्षिणा’ पहुंचने एवं विभाग के कुछ कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा इन होटलों में पार्टियां करने की चर्चा लोग चौराहों पर करते रहे। बताया जाता है कि मिलीभगत के कारण ही होटल मालिकों के हौसले बुलंद हुए हैं। यही वजह है कि वे बेखौफ होकर दिन के समय भी अवैध शराब बेचने लगे हैं। 

राज्य उत्पादन शुल्क विभाग की अधीक्षक स्वाति काकडे ने बताया कि उनके विभाग में कर्मचारियों की कमी है। एक ही कर्मचारी को 50 से अधिक गांवों पर ध्यान देना पड़ता है। इसलिए वे अपनी सुविधा के अनुसार ही कार्रवाई के निर्देश देते हैं। शिकायत मिलने पर कार्रवाई का भरोसा दिलाने वाले उक्त आबकारी अधिकारी काकड़े को जब स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देकर शिकायत की गई और वीडियो उपलब्ध कराने की बात कही तो उन्होंने रुचि नहीं दिखाई। समय मिलने पर कार्रवाई के निर्देश देने की बात कहकर उन्होंने इस गंभीर मसले को टाल दिया। सुप्रीम कोर्ट के हाईवे संबंधित आदेशों के उल्लंघन को लेकर उन्हें कोई खास लगाव नजर नहीं आया। आबकारी विभाग द्वारा कार्रवाई की कोई पहल न होना, इस विभाग की लचर कार्यप्रणाली को उजागर करता है।
 

Created On :   20 April 2018 2:15 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story