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कुत्तों की नसबंदी में घोर लापरवाही, शिकायत दर्ज

डिजिटल डेस्क,नागपुर।लावारिस कुत्तों की नसबंदी में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। एनिमल बर्थ कंट्रोल यानी पशु जन्म नियंत्रण अभियान के तहत निजी अस्पताल में लावारिस श्वानों की नसबंदी लापरवाही से किए जाने से कई श्वानों के मारे जाने की घटना को लेकर गिट्टीखदान थाने में पशु प्रेमियों ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। इससे मनपा प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। शिकायत ने 3.5 करोड़ रुपए की परियोजना की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लापरवाही आई सामने
द पीपल फॉर एनिमल वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन की करिश्मा गलानी ने बताया कि नवंबर माह में एबीसी को कार्यांवित करने के लिए 4 सेंटरों की व्यवस्था करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया था। कुछ पशु प्रेमियों के दबाव में मनपा प्रशासन ने एबीसी को गिट्टीखदान परिसर स्थित निजी पेट हॉस्पिटल एसपीसीए में करने के लिए कहा था। इसकी शुरुआत भी कर दी गई, लेकिन उचित देखरेख नहीं होने और लापरवाही के चलते कई श्वानों की ऑपरेशन के बाद मौत हो गई।
संक्रमण के शिकार हुए
गलानी ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एसपीसीए (सोसायटी फॉर प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल) का गठन किया जाता है, लेकिन यहां एक निजी संस्था सरकारी एसपीसीए का नाम रखकर काम कर रही थी। वहीं प्रशिक्षु पशुचिकित्सक जिसने एबीसी का प्रशिक्षण भी नहीं लिया उसे बिना सहयोगी पशु चिकित्सक के ऑपरेशन करने लगाया गया। हर श्वान के ऑपरेशन के लिए सर्जिकल सेट अलग होना चाहिए, लेकिन एक ही सेट से चार से पांच श्वानों के ऑपरेशन किए गए। इससे श्वान संक्रमण के शिकार हो गए। जहां श्वानों को वापस छोड़ा गया, वहां के पशु प्रेमियों ने श्वानों को मरता हुआ पाया, तो मामले का खुलासा हुआ।
दिया गया लोकल एनेस्थेसिया
साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से शहर के करीब 50 हजार श्वानों का ऑपरेशन किया जाना है। इसके लिए 4 केंद्रों की जरूरत बताई गई थी। लेकिन मनपा ने एसपीसीए में श्वानों की नसबंदी करने का प्रयोग कर डाला। आरोप हैं कि एसपीसीए की ओर से 25 दिसंबर से 29 जनवरी के बीच करीब 400 श्वान नसबंदी करने के लिए दिए गए थे, जिसमें 100 श्वानों की मौत हुई है। केंद्र ने ऑपरेशन के लिए मात्र लोकल एनेस्थेसिया का उपयोग किया, जबकि श्वानों की नसबंदी के लिए लोकल के साथ कैटामिन नाम का सही एनेस्थेसिया दिया जाता है। लोकल एनेस्थेसिया से श्वान ऑपरेशन के बीच में ही हरकतें करने लगा, जिससे ऑपरेशन पूरा करने में परेशानी हुई।
कहां, कितने मारे गए
शिकायत करनेवालों में पशु प्रेमी टेका नाका की स्नेहा मेश्राम, जिनके इलाके के दस श्वान एबीसी ऑपरेशन के बाद मारे गए, वहीं गड्डीगोदाम निवासी अश्विन बावरिया के क्षेत्र में 3 श्वान मारे गए, तिलक नगर निवासी सुनील चोखदाने के क्षेत्र में 10 श्वान मरे। 4 श्वानों को एसपीसीए से ऑपरेशन के बाद मरणासन्न अवस्था में माफ्सू की मदद से जरीपटका के अनुज जवाहरानी ने बचाया। पशु प्रेमी रीना सिंह के साथ सभी पशु प्रेमियों ने मिलकर गिट्टीखदान थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस निरीक्षक राजकुमार वानखेडे ने मामला दर्ज किया। एसपीसीए में पशु चिकित्सक डॉ. ओमप्रकाश सिंह व केंद्र के संचालक डॉ. कैलाश मारवा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
Created On :   6 Feb 2018 11:43 AM IST