'रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट' के जरिये किडनी देकर बचाई पति की जान

first robotic kidney transplant operation of maharashtra held in mumbai claims hospital
'रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट' के जरिये किडनी देकर बचाई पति की जान
'रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट' के जरिये किडनी देकर बचाई पति की जान

डिजिटल डेस्क,मुबंई. मुंबई की रहने वाली लीना ने अपने पति को किडनी देकर सात जन्म तक साथ रहने के वादे को हकीकत में बदल दिया है। उन्होंने अपने पति को रोबोटिक प्रक्रिया के जरिए किडनी ट्रांसप्लांट की है। सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल का दावा है कि रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला रिलायंस हॉस्पिटल राज्य का पहला हॉस्पिटल बन गया है। अस्पताल के मुताबिक, 'यह अपनी तरह की पहली सर्जरी थी। इसलिए थोड़ी चुनौतियां थी। मगर टीम वर्क के साथ इसे सफलतापूर्वक किया गया।' डॉक्टरों के अनुसार, रोबॉटिक किडनी ट्रांसप्लांट सामान्य ट्रांसप्लांट की तुलना में अधिक सुरक्षित और कम समय में होता है।


हॉस्पिटल से मिली जानकारी के अनुसार, अंधेरी के रहने वाले सीएन मुरलीधरन को किडनी फेल होने के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, मुरलीधरन को तुरंत ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। कैडावर दान की गति धीमी होने के कारण मुरलीधरन को ट्रांसप्लांट के लिए इंतजार करना पड़ता। ऐसे में मुरलीधरन की पत्नी लीना (55) ने अपनी एक किडनी देने का फैसला किया। लीना ने बताया, 'मेरे पति पिछले डेढ़ साल से डायलिसिस पर थे। ऐसे में उनके सामान्य जीवन के लिए मैंने अपनी एक किडनी देने का फैसला किया।'

हॉस्पिटल की कंसल्टेंट नेफ्रॉलजिस्ट डॉ. श्रुति टापियावाला ने कहा कि पारंपरिक किडनी ट्रांसप्लांट की तुलना में रोबॉटिक किडनी ट्रांसप्लांट अधिक सुरक्षित होता है। मरीज को रिकवरी में कम समय लगता है और दर्द भी कम होता है।

Created On :   5 July 2017 4:06 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story