तीसरे दिन भी चला मत्स्य व्यवसाय संगठन का अनशन, किसी ने नहीं ली आंदोलनकारियों की सुध
डिजिटल डेस्क, वर्धा। कार नदी मत्स्य व्यवसाय संस्था के अध्यक्ष, सचिव, सदस्य तथा स्थानीय मछुआरों पर हुए अन्याय के विरोध में कार नदी मत्स्य व्यवसाय संस्था की ओर से सोमवार, 13 मार्च से बेमियादी हड़ताल शुरू की गई लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं होने से आंदोलन बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। उल्लेखनीय है कि कार नदी संस्था को वर्ष 2023 से 2028 तक कारनदी जलाशय तालाब का ठेका मत्स्यमारी के लिए देने, महाराष्ट्र राज्य मुंबई के आयुक्त के पास लंबित ऑर्डर 22 फरवरी 2019 के शासन परिपत्रक के तहत निर्णय लें, शासन परिपत्रक का उल्लंघन करने पर मत्स विभाग मंत्रालय सचिव, आयुक्त, प्रादेशिक उपायुक्त, सहायक आयुक्त पर कड़ी कार्रवाई करें, जलादेवी मत्स्य व्यवसाय सहकारी संस्था को शासन द्वारा मिले जलाशय का ठेका परस्पर ठेकेदार के नाम से करारपत्र कर बेचा गया, इस प्रकरण की गहरी जांच कर संस्था को काली सूची में डाली, कार नदी संस्था के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार प्रह्नाद अजमिरे, सचिव रंजना राजू केंडे ने 14 वर्ष की अवधि में किए घोटाले की जांच सीबीआई अधिकारी द्वारा कराए जाने और वर्धा मत्स्य विभाग के पूर्व सहायक आयुक्त द्वारा कार नदी संस्था को भरोसे में लिए बिना तालाब का ठेका देने से उन पर फौजदारी कार्रवाई कर मामला दर्ज करने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया। जब तक मांगें पूर्ण नहीं होती तब आंदोलन जारी रखने की भूमिका संगठन ने ली है। आंदोलन में संस्था अध्यक्ष लक्ष्मण नांदणे, सचिव हरिचंद्र नांदणे, धनराज आमझिरे, उमेश आमझिरे, राजू नांदणे, अशोक बोरवार, शंकर पारिसे, नभू नांदणे, विलास आमझिरे, रोशन नांदणे, अमोल नांदणे, नीलेश नांदणे, शंकर आमझिरे शामिल हुुए। आंदोलन को निषाद पार्टी द्वारा समर्थन दिया गया। इसके तहत निषाद पार्टी के जिला अध्यक्ष सुनील ढाले, युवा जिलाध्यक्ष सुुधीर बावणे, राजेश सुरजुसे, गजानन सुरजुसे भी आंदोलन में शामिल हुए।
Created On :   16 March 2023 6:57 PM IST