गहरे समुद्र में मात्स्यिकी को बढ़ावा दिया जाएगा : कृषि मंत्री

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने गहरे समुद्र में मात्स्यिकी को बढावा देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही डीप-सी फिशिंग नौका हेतु पारंपरिक मछुवारों के स्वयं सहायता समूहों-संगठनों को प्रति नौका 40 लाख रुपये की केन्द्रीय सहायता देने का भी फैसला लिया है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने गुरुवार को राज्यों के मत्स्य मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में समुद्री मात्स्यिकी विषय पर चर्चा की गई। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत में मछली की निर्यात की औसत दर 14 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ विश्व में सर्वाधिक रही है। इतना ही नही मछली उत्पादन में 2010-2014 के मुकाबले 2014-2018 में 27 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उन्होने कहा कि उन्नत किस्म के और आधुनिक डीप-सी फिशिंग नौकाओं का निर्माण देश में ही स्वदेशी तकनीकी से किया जाएगा। उन्होने कहा कि अब किसानों की तरह ही मछुवारों को भी किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल सकेगा।
महाराष्ट्र के मत्स्यिकी मंत्री महादेव जानकार ने बैठक में फिशिंग को कृषि का दर्जा देने के अलावा कई मांगे उठाई। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार ने नीली क्रांति के तहत मछुवारों को सब्सिडी का पैमाना 60-40 रखा है। इसे 50-50 किए जाने की मांग सरकार से की है। उन्होने बताया कि राज्य में मछली निर्यात से राज्य को सालाना लगभग 4 हजार करोड़ रुपये की आय होती है। मछली का प्रति व र्ष 4,62,747 मैट्रिक टन उत्पादन होता है और 147000 मैट्रिक टन निर्यात की जाती है।
Created On :   17 May 2018 7:54 PM IST