विमान कंपनियों की मनमानी से परेशान हो रही यात्रियों में एक हैं उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले की प्राध्यापक प्रेमलता सिंह। प्रेमलता 3 महीने पहले मुंबई अपने रिश्तेदार के घर आयीं थीं, लेकिन लॉकडाउन के ऐलान के बाद यहीं फंस गई। लंबे समय बाद विमान सेवा में शुरू हुई, तो उन्हें अपने घर पहुंचने की आस बंधी। विदेश में रहने वाले उनके बेटे ने विमान का टिकट बुक करा दिया, इसके बाद शुरू हुआ उड़ानें रद्द होने का सिलसिला। प्रेमलता ने बताया कि अब तक उनकी चार उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। इसी तरह की परेशानी इंडस्ट्रियल कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े आर यू सिंह को भी हो रही है। उन्होंने बताया कि पहले बीते सोमवार गो एयर का टिकट रद्द हुआ, फिर 17 जून को टिकट दिया गया। लेकिन अब गो एयर कंपनी उन्हें 18 तारीख की टिकट दे रही है, जिससे बनारस जाने के लिए मुंबई से दिल्ली जाकर 5 घंटे कनेक्टिंग फ्लाइट का इंतजार करना पड़ेगा।
यह तो खुली लूट है
कुछ ऐसा ही हाल चंद्रभान सिंह का भी है जिनकी दो फ्लाइट कैंसिल हो चुकी है। चंद्रभान ने बताया कि विमानन कंपनी ने पैसे वापस नहीं किए हैं और उस पैसे से 31 मार्च तक कभी भी यात्रा करने की छूट दी है। लेकिन आर्थिक तंगी के इस दौर में यह विमानन कंपनियों की खुली लूट है। उन्होंने कहा कि विमान कंपनियां पैसे भी वापस नहीं कर रही हैं, जिससे दूसरे साधनों से हम घर जा सकें।
फिलहाल मुंबई से रोजाना 50 विमानों (25 आगमन-25 प्रस्थान) की आवाजाही की इजाजत है। छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जिम्मेदारी संभाल रही जीवीके एमआईएएल की प्रवक्ता ने बताया कि ‘चक्रवात निसर्ग के असर के चलते कुछ उड़ानों पर असर पड़ा था, लेकिन बाकी दिनों में सभी उड़ाने सामान्य रूप से चल रहीं हैं। इससे साफ है कि उड़ाने रद्द नहीं हो रहीं हैं, बल्कि विमानन कंपनियां ज्यादा बुकिंग कर यात्रियों को फंसा रहीं हैं।
मंगलवार से दोगुनी उड़ानें
मंगलवार से मुंबई हवाई अड्डे से कुल 100 उड़ानों की इजाजत होगी। शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट की जिम्मेदारी संभाल रही जीवीके एमआईएएल कि प्रवक्ता ने बताया कि इनमें से 50 उड़ाने मुंबई में आएंगी, जबकि 50 मुंबई से बाहर जाएंगी। उम्मीद है कि इससे यात्रियों को कुछ राहत मिलेगी।