बाढ़ की विभीषिका - पानी उतरा तो मलबे में तब्दील नजर आए पेंच किनारे के गांव

Flood rains - the villages of Pench shores that turned into debris when the water landed
बाढ़ की विभीषिका - पानी उतरा तो मलबे में तब्दील नजर आए पेंच किनारे के गांव
बाढ़ की विभीषिका - पानी उतरा तो मलबे में तब्दील नजर आए पेंच किनारे के गांव

बंधी, खैरघाट, लोनीकला, कोना पिंडरई, कौआखेड़ा समेत किनारे के अन्य गांवों का अधिकांश हिस्सा मलबे में तब्दील सैकड़ों मवेशी मरे, मकान ढहे, बह गई गन्ना, मक्का और सोयाबीन की फसलें बही
-सैकड़ों परिवार बेघर हुए, अस्थाई कैंप में दिया आश्रय
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा  ।
बारिश थमने के दूसरे दिन पेंच की बाढ़ का पानी उतरा तो किनारे के गांवों में बर्बादी का मंजर नजर आया। पेंच नदी के किनारे बसे खैरघाट, लोनीकला, कोना पिंडरई, बादगांव, रमपुरीटोला, आमटा, बंधी, पाल्हरी सहित करीब डेढ़ दर्जन गांवों में बाढ़ के पानी ने कोहराम मचाया है। सबसे ज्यादा नुकसान खैरघाट, नोनीकला, कौआखेड़ा, कोनापिंडरई, पोनिया और बादगांव में पहुंचा है। खैरघाट तो मलबे में तब्दील हो गया है। 200 मकानों की बस्ती में करीब 90 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें अधिकांश कच्चे मकान मलबे में तब्दील हो गए हैं। 300 से ज्यादा मवेशी मरे हैं। जबकि 70 फीसदी तक फसल बाढ़ के साथ बह गई है। फसलों से लहलहा रहे खेत अब दलदलयुक्त मैदान में बदल गए हैं।
नोनीकला और खुर्द में 40 मकान ढह गए हैं। 25 मवेशियों की मौत हुई है। लगभग 50 एकड़ की फसल बह गई है। बंधी गांव में 100 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्राइमरी आंकलन के मुताबिक  किनारे के गांवों में पांच सौ अधिक मकानों को क्षति पहुंची है। एसडीएम के मुताबिक चौरई और चांद तहसीलदार को सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायतों ने भी सर्वे शुरू कर दिया है। रविवार को कलेक्टर सौरभ सुमन भी प्रभावित गांवों में पहुंचे और नुकसान देखा। उन्होंने हर प्रभावित की मदद के निर्देश दिए हैं।
खेत बने मैदान... मक्का-सोयाबीन के साथ गन्ने के खेत भी साफ
नदी किनारे के गांवों में मक्का और सोयाबीन की फसल के अलावा गन्ने के खेत भी साफ हो गए हैं। बाढ़ के पानी में गन्ना बाड़ी पूरी तरह से बह गई है। खेत मैदान से नजर आ रहे हैं। नुकसान का सरकारी आंकलन अभी नहीं हो सका है।
कुछ नहीं बचा...
फसल के साथ मकान, गृहस्थी का सामान में भी गया

वैसे तो तेज बारिश से पूरे जिले में फसलों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन पेंच और कुलबेहरा नदी किनारे के गांवों में बाढ़ पूरी फसल बहाकर ले गई। फसल तो गई ही गांव में पानी समाने से मकान भी ढह गए। गृहस्थी का सामान भी भेंट चढ़ गया।
खैरियत...
समय रहते लोगों को   हटाया, जनहानि नहीं
खैरियत तो इस बात की मनाई जा सकती है कि गांवों में पानी घुसने बावजूद कोई जनहानि नहीं हुई। समय रहते किनारे के गांवों को खाली करा लिया गया। पंचायतों और स्कूल भवनों में प्रभावित गांवों के लोगों को ठहराया गया।
इनका कहना है...
॥ प्राथमिकता पर रविवार को ज्यादा प्रभावित गांवों में जाकर स्थिति देखी है। जो बेघर हो गए हैं उन्हें अस्थाई कैंप में रखा गया है। उनके लिए भोजन  व राशन की व्यवस्था की गई है। नुकसान का डेटा इक_ा किया जा रहा है। उस आधार पर मुआवजा सहित अन्य व्यवस्थाएं की जाएंगी।
- सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर

Created On :   31 Aug 2020 1:46 PM IST

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