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अपनी और दूसरों की सुरक्षा के लिए नियमों का पालन कीजिए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यातायात नियमों का हर हाल में पालन करना चाहिए। जागरूकता अभियान के माध्यम से हम खुद की और दूसरों की सुरक्षा कर सकते हैं। यह विचार दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित मान्यवरों ने व्यक्त किए। शनिवार को दैनिक भास्कर कार्यालय में सामाजिक सरोकार से जुड़ा कार्यक्रम ‘सड़क सुरक्षित है’ अभियान आयोजित किया गया। कार्यक्रम में यातायात से संबंधित विविध विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
गलतियों पर सकारात्मक चर्चा जरूरी
पद्मश्री डॉ. विकास महात्मे, राज्यसभा सदस्य व संसद सदस्य सड़क सुरक्षा समिति नागपुर के कार्यकारी अध्यक्ष के मुताबिक देश में कोरोना के कारण डेढ़ लाख लोगों की मौत हुई है। सालभर में सड़क दुर्घटना के कारण इतने ही लोगों की मौत होती है। इनमें अधिकतर युवा वर्ग होता है। सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सांसद नितीन गडकरी ने सड़क दुर्घटना कम करने के लिए विविध उपाय योजनाओं पर काम करने का सुझाव दिया है। शहर में 45 से अधिक ब्लैक स्पॉट हटाए गए हैं। यातायात नियमों के प्रति जागरूकता के लिए मीडिया और एनजीओ को मिलकर काम करना चाहिए। जागरूकता अभियान चलाए जाने पर असर देखने को मिलेगा। यातायात नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो उसके पीछे क्या कारण हैं, गलतियां कहां हो रही हैं, इस पर सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए। उन समस्याओं का हल निकालना चाहिए। कुल मिलाकर दुर्घटनाएं रोकने के लिए यातायात नियमों का पालन करने जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है।
नियमों का पालन जरूरी
बसवराज तेली, डीसीपी विशेष शाखा व यातायात विभाग, प्रभारी डीसीपी के मुताबिक शहर में हर तीन दिन में दो लोग सड़क दुर्घटना से मरते हैं। इसमें भी 71 फीसदी ओवर स्पीड से मरते हैं। फिर भी लोग नियमों का पालन नहीं करते। कार्रवाई के दौरान कई लोग तो विवाद करने लगते हैं, जबकि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यातायात नियमों का पालन जरूरी है। जनप्रतिनिधियों और समाजसेवी संगठनों को भी इसके लिए आगे आना चाहिए।
कविताओं में पीड़ा व्यक्त
शांताराम फासे, एआरटीओ, नागपुर ग्रामीण के मुताबिक यदि किसी की हत्या हो जाए तो आरोपी पर धारा 302 लगाकर मामला कोर्ट में पहुंचता है। वहीं वाहनों से जान चली जाए तो संबंधित व्यक्ति पर 304 अ धारा लगती है। हत्या के मामले में सजा होती है, दुर्घटना के मामले में जुर्माना भरकर संबंधित व्यक्ति आसानी से छूट जाता है, जबकि उन्हें भी सजा होनी चाहिए। फिर भी नियंत्रित रखकर वाहन चलाना चाहिए। अपनी ‘माय (मां)’ नामक कविता में दुर्घटना से प्रभावित लोगों की पीड़ा हमने व्यक्त की है।
हादसों के अनेक कारण
रवींद्र कासखेड़ीकर, संस्था प्रमुख, जनआक्रोश के मुताबिक बरसों से यातायात नियमों के प्रति लोगों को हमारी संस्था जागरूक कर रही है। यातायात नियमों के अलावा यातायात के मार्गदर्शक चिह्न व अन्य उपाय योजनाओं पर काम होना चाहिए। यातायात पुलिसकर्मियों को अक्सर छिपकर बैठे देखा जाता है। वे किसी वाहन के सामने अचानक आ जाते हैं। हड़बड़ाहट से भी दुर्घटना होने की आशंका होती है। नियमों का ही सही तरीके से पालन किया जाए तो दुर्घटना के प्रमाण में कमी आ सकती है।
जीवन बचाएं
अजयकुमार मालवीय, प्रभारी एसीपी, यातायात विभाग के मुताबिक दुर्घटना में केवल एक व्यक्ति ही नहीं, उसका पूरा परिवार प्रभावित होता है। हरेक की जिम्मेदारी है कि यातायात नियमों का पालन कर अपना व दूसरों का जीवन बचाएं
बेहतर समन्वय जरूरी
श्रीकांत देशपांडे, अभियंता, मनपा यातायात विभाग के मुताबिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यातायात नियमों का पालन जरूरी है। शुरुआत स्वयं से करनी चाहिए। यातायात नियमों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना चाहिए, ताकि बचपन से सीखा जा सके। मनपा, नासुप्र, मेट्रो रेल, राष्ट्रीय महामार्ग, राज्य महामार्ग, लोकनिर्माण विभाग आदि को भी समन्वय से यातायात सुधार की दिशा में काम करना चाहिए।
ट्रैफिक नियम हर हाल में मानें
राजेश किलोर, गीत रचयिता के कहा कि शहर में यातायात नियमों का पालन करने और दुर्घटनाओं से बचने के लिए एक गीत गूंज रहा है। इस गीत के बोल "सिग्नल न तोड़ मेरी बहना, सिग्नल न तोड़ मेरे भैया’ है । डॉ. रश्मिन देशमुख की संकल्पना से यह गीत तैयार किया गया है। इसे और भावनात्मक रूप देते हुए जनहित में प्रसारित करने के लिए यातायात विभाग के डीसीपी सारंग आह्वाड से चर्चा की गई। उन्होंने विभाग के माध्यम से शहर में प्रसारण शुरू कराया। दैनिक भास्कर के जागरुकता कार्यक्रम की सराहना करते हुए शहरवासियों को यातायात नियमों का पालन करने का सुझाव दिया है।
दर्द हम जानते हैं
आशा पांडे, पीड़िता के मुताबिक मैं एक पुलिसकर्मी के परिवार से हूं। कर्तव्य निर्वहन के दौरान 19 दिसंबर 2010 को अमरावती रोड पर मेरे भाई की दुर्घटना में मृत्यु हुई थी। वह यातायात विभाग में था। उसके बाद परिवार ने त्रासदी भरे दिन काटे। दुर्घटना में कोई एक नहीं, बल्कि पूरा परिवार प्रभावित होता है। इस दर्द को हम अच्छी तरह जानते हैं।
गलतियों पर ध्यान नहीं
पद्मश्री सारडा, ट्राइबल सोसायटी के मुताबिक एक एंबुलेंस को रास्ता देने के बाद जब मेरा वाहन सामने आया तो पुलिसकर्मियों ने वाहन को रोक बेटे का चालान बना दिया और कई लोग टू व्हीलर पर टीवी लेकर जाते हैं, बड़े वाहनों में खुलेआम लोहे के सरिया ले जाते हैं, कई वाहनों पर पीछे बैठे बच्चे सो जाते हैं, ट्रकों पर इंडिकेटर्स काम नहीं करते। दुर्घटना होती है, तो सारा दोष वाहन चालकों को दिया जाता है। ऐसी समस्याओं को सुलझाना जरूरी है।
बच्चों को समझाएं
राजाभाऊ टाकसाले, प्रबंध निदेशक, सेंट पॉल पब्लिक स्कूल, जूनियर कॉलेज के मुताबिक बच्चा 8वीं, 10वीं पास हुआ तो अभिभावक वाहन की चाबी सौंप देते हैं, जबकि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होता। पहले उसे यातायात नियमों के बारे में बताएं।
हादसा आंखों के सामने
सचिन गटफाने, सहायक महाप्रबंधक, पंजाब नेशनल बैंक के मुताबिक अमरावती रोड पर एक कार दुर्घटना का दृश्य देखा। कार की हालत देखकर ही दुर्घटना कितनी खतरनाक हुई है, समझ गए थे। संभवत: कार अनियंत्रित हो गई थी। इसलिए वाहन अनुशासन में रहकर, नियमों का पालन कर और नियंत्रित गति से चलाना चाहिए। पुलिस व आरटीओ विभाग ने जो नियम-कानून बनाए हैं, उनका पालन करना चाहिए।
कोई इंतजार नहीं करता
श्यामल चटर्जी, प्रबंध निदेशक, गैलेक्सी सोलर एनर्जी प्राइवेट लि. ने बताया कि अब सड़कें अच्छी हो चुकी हैं तो स्पीड पर कंट्रोल नहीं है। दो मिनट कोई इंतजार नहीं कर सकता। नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर वाहन दौड़ाए जाते हैं। पुलिस दिखी तो हेलमेट पहनते, नहीं तो हेलमेट वाहन में अटकाकर चलते हैं। यह सारे कारण दुर्घटना को न्योता देते हैं। इसे रोकने यातायात नियमों का पालन करना हम सबकी जिम्मेदारी है।
दुर्घटना से देर भली
अमित मांडेकर, सीनियर मार्केटिंग मैनेजर, यूटेक्स इंडस्ट्रीज के मुताबिक देश में हर साल डेढ़ लाख लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। इन पर निर्भर पांच लाख लोग प्रभावित होते हैं। कुछ दिनों पहले वर्धा में कार दुर्घटना में सात विद्यार्थियों की मौत हुई थी। ‘दुर्घटना से देर भली’ वाली कहावत भूला दिया गया है। सड़कें अच्छी बनीं, तो स्पीड बेलगाम। ध्यान रखें, हमारी सुरक्षा हमारे हाथ में हैं।
ऑनलाइन सेशन में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया, स्मृतिचिह्न से ‘मान्यवरों’ को किया गया सम्मानित
दैनिक भास्कर के जागरुकता कार्यक्रम ‘सड़क सुरक्षित है’ की अतिथियों ने सराहना की। इस कार्यक्रम का ऑनलाइन जूम सेशन हुआ। ऑनलाइन सेशन में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान लोगों ने उपस्थित अधिकारियों को अपने सुझाव दिए। कई लोगों ने अलग-अलग क्षेत्रों की यातायात समस्याओं को सामने रख अधिकारियों से सवाल पूछे। अधिकारियों ने जवाब दिए।
अभियान में गैलेक्सी सोलर एनर्जी प्राइवेट लि. यूटेक्स इंडस्ट्रीज, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट पॉल स्कूल एंड जूनियर कॉलेज ने सह्योग किया। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अतिथि राज्यसभा सांसद पद्मश्री डॉ. विकास महात्मे, विशेष शाखा के डीसीपी व यातायात विभाग के प्रभारी डीसीपी बसवराज तेली, यातायात विभाग के एसीपी अजय कुमार मालवीय, नागपुर ग्रामीण के एआरटीओ शांताराम फासे, आरटीओ निरीक्षक विजयसिंह राठौड़, इमामवाड़ा पुलिस स्टेशन के पीआई राजेंद्र कुमार सानप, मनपा यातायात नियोजन व प्रबंधन विभाग के अभियंता श्रीकांत देशपांडे, जनआक्रोश के प्रमुख रवींद्र कासखेड़ीकर, राजेश किलोर, डॉ. रश्मिन देशमुख, मनोज रोकडे, आशा पांडे, ट्राइबल सोसायटी की सदस्य पद्मश्री सारडा, गैलेक्सी सोलर एनर्जी प्राइवेट लि. के प्रबंध निदेशक श्यामल चटर्जी, पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य प्रबंधक दीपक चांदेकर, सहायक महाप्रबंधक सचिन गटफाने, यूटेक्स इंडस्ट्रीज के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर अमित मांडेकर, सीनियर मार्केटिंग मैनेजर अनंता घोष, सेंट पॉल पब्लिक स्कूल एंड जूनियर कॉलेज के प्रबंध निदेशक राजाभाऊ टाकसाले, डॉ. प्रतीक टाकसाले आदि का स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर दैनिक भास्कर के समूह संपादक प्रकाश दुबे, वुमन भास्कर क्लब की चेयरपर्सन नेहा अग्रवाल, सुनयना अग्रवाल, वुमन भास्कर क्लब की अध्यक्ष मीना जैन आदि उपस्थित थे। संचालन समन्वय संपादक आनंद निर्बाण ने किया।
Created On :   20 Feb 2022 5:15 PM IST