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बाघों की मौत मामले में वनपाल निलंबित, अवैध चराई पर लगेगी रोक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ में पिछले दो माह में बाघों की मौत को लेकर वनविभाग ने सख्त रवैया अपनाया है। पवनी रेंज में मृत बाघ के जोड़ों के मामले में कार्रवाई करते हुए वनपाल को निलंबित कर दिया गया है। वनपाल एस.टी. उइके को प्रादेशिक मुख्य वनसंरक्षक संजीव गौड ने इस संदर्भ में आदेश पत्र जारी किया है। बिट की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार वनपाल द्वारा लापरवाही बरते जाने का खुलासा मीडिया में होने के बाद वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए यह कदम उठाया। वनपाल पर हिवरा परिमंडल में पशुधन हानि और फसल नुकसान मामले को लेकर दिखाई गई लापरवाही को मुख्य कारण माना गया है। निलंबित उइके पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई भी की जाएगी।
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बाघों की जान लेने छिड़का था यूरिया
वन विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जारी आदेश में कहा है कि वन्यजीवों से फसलों और पशुधन को पहुंचने वाले नुकसान की भरपाई तुरंत करने की सूचना सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को दे दी गई है। बता दें कि बाघों द्वारा गाय का शिकार किए जाने के बाद किसान आनंद मडावी ने यूरिया छिड़क कर बाघों की जान ली थी। उसकी गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि उसके पशुओं और फसलों को पहुंचे नुकसान की भरपाई के लिए घूस मांगी जा रही थी। मामले को सुलझाने की बजाय लापरवाही की जा रही थी। इसके बाद वन विभाग ने गंभीर कदम उठाते हुए यह कार्रवाई की।
अतिक्रमणकारियों के साथ अवैध चराई रोकें
नवेगांव नागझिरा टाइगर रिजर्व में अतिक्रमण कर रहने वालों के हटाने के साथ इस जंगल में होने वाली अवैध चराई की रोकथाम करने के लिए भी उचित कदम उठाने के आदेश एनजीटी(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने दिए। दयाराम कापगते विरुद्ध महाराष्ट्र राज्य व अन्य के मामले पर आदेश जारी करते हुए जस्टिस यू.डी. सालवी व एक्सपर्ट सदस्य डॉ. नगिन नंदा ने यह आदेश दिया। इसमें नवेगांव नागझिरा राष्ट्रीय पार्क की एसडीओ गीता पवार को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।

Created On :   22 Nov 2017 11:26 AM IST