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शिकारियों की तलाश कर रही फारेस्ट टीम, चौरइ-अमरवाड़ा व पेंच के में दी दबिश

डिजिटल डेस्क, चौरई/छिंदवाड़ा। बाघ के शिकारियों की तलाश में मंगलवार को फारेस्ट टीम ने पेंच नेशनल पार्क के बफर एरिया और चौरई के अलावा अमरवाड़ा के कई गांवों में छापामार कार्रवाई की। हालांकि इस कार्रवाई में फारेस्ट की टीम को कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। फारेस्ट के अधिकारी इस बात की जानकारी जुटा रहे हैं कि बाघ का शिकार पेंच पार्क में हुआ है या चौरई वन परिक्षेत्र में। गौरतलब है कि महाराष्ट्र फारेस्ट की सूचना पर सोमवार को चांद के ग्राम ढुढमर स्थित रामदास के घर छापा मारा गया था। यहां से टीम ने तीन पंजे और नाखून जब्त किए थे। अब वन विभाग के अधिकारी महाराष्ट्र के रामटेक में बाघ के नाखून और मूंछ के बाल के साथ पकड़ाए आरोपी रामदास को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रहे हैं।
गांव में भी दी दबिश-
मंगलवार को फारेस्ट की टीम ने आरोपी रामदास के साथी आरोपियों की तलाश में चार गांवों में छापामार कार्रवाई की है। इन गांवों में पेंच नेशनल पार्क के कोनापिंडरई, हलाल के अलावा अमरवाड़ा का बिनेकी और चौरई का गांव हिर्री शामिल है। हालांकि टीम को छापामार कार्रवाई के दौरान शिकारी या बाघ के अंग नहीं मिले हैं। कार्रवाई करने वाली टीम में प्रभारी रेंजर एसएस राजपूत, डिप्टी रेंजर केबी सनोडिया, तुलसीराम सनोडिया, वनरक्षक आशीष शुक्ला, हरनारायण शर्मा और महेन्द्र रघुवंशी शामिल हैं।
शिकार की फारेस्ट को भनक तक नहीं-
रामदास के घर से तीन पंजे और नाखून बरामद करने के बाद भले ही फारेस्ट की टीम अन्य शिकारियों की तलाश में दबिश दे रही है, लेकिन बड़ी बात तो यह है कि पेंच नेशनल पार्क या चौरई वन परिक्षेत्र से शिकारियों ने एक बाघ का शिकार कर लिया और फारेस्ट की टीम को भनक तक नहीं है। मूंछ के बाल और नाखून के साथ महाराष्ट्र फारेस्ट की टीम आरोपी को नहीं पकड़ती तो वन विभाग को पता भी नहीं लगता कि बाघ का शिकार भी हुआ है।
घायल किसान की उपचार के दौरान मौत-
पांढुर्ना वन परिक्षेत्र के अंतर्गत सावजपानी बीट में जंगली सुअर के हमले में घायल हुए एक किसान ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वन एसडीओ एके महाले ने बताया कि सावजपानी बीट के अंतर्गत मौजूद खेत में काम कर रहे ग्राम पंढरी में रहने वाले किसान मेघराज पिता महादेव नढ़े पर विगत 03 मई को जंगली सुअर ने हमला कर दिया था। जंगली सुअर ने किसान को हाथ और पैरों में काट लिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। उपचार के लिए घायल अवस्था में किसान को सौंसर रेफर कर दिया गया था। परंतु यहां गंभीर हालत को देख किसान को प्राथमिक उपचार के बाद नागपुर भेजा गया था। जहां उसका उपचार जारी था। मंगलवार की सुबह उपचार के दौरान किसान ने नागपुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। एसडीओ एके महाले ने बताया कि जंगली सुअर के हमले के चलते मौत होने के कारण किसान के उपचार में अस्पताल में खर्च हुई राशि विभाग की ओर से परिजनों को लौटाई जाएगी। इसके अलावा मुआवजा निधि के अंतर्गत परिजनों को किसान की मौत पर चार लाख रुपए की मदद भी की जाएगी।
Created On :   7 May 2019 8:43 PM IST