- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- मवेशियों को पानी पिलाया तो कर दी...
मवेशियों को पानी पिलाया तो कर दी किसानों की लात-घूसों से पिटाई, अस्पताल में भर्ती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मवेशियों को वन क्षेत्र में पानी पिलाने ले जाने पर आरएफओ ने सात किसानों की डंडे और लात-घूंसे से पिटाई कर दी। सातों किसानों को गंभीर अवस्था में ग्रामीण चिकित्सालय उमरेड भेजा गया। प्रथमोपचार के बाद वहां से 2 किसानों को नागपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, सोमवार दोपहर 3 बजे के करीब उमरेड पुलिस स्टेशन से 10 किलोमीटर की दूरी पर उमरेड पवनी कर्हांडला अभयारण्य कुही रेंज की सीमा से लगे तारणा गांव के कुछ किसान अपने खेत के बगल में रास्ते से लगकर बैल चरा रहे थे। अभयारण्य की सीमा से सौ फीट की दूरी पर सतीघाट तालाब है। दोपहर 3 बजे के करीब चराने के बाद पानी पिलाने के लिए जैसे ही वे तालाब के पास पहुंचे, वहां कुही रेंज के आरएफओ घनश्याम ठोंबरे आ धमके।
इस बात पर की मारपीट
उनके साथ चार कर्मचारी भी थे। वे किसानों से कहने लगे कि आप हमारे रेंज में क्यों आए हो। यह कह कर किसानों की लाठी-डंडे और लात-घूसों से पिटाई कर दी। किसानों ने तुरंत उमरेड पुलिस स्टेशन में जाकर कुही रेंज के आरएफओ घनश्याम ठोंबरे और उनके अन्य कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। उमरेड पुलिस ने घायल किसानों को ग्रामीण चिकित्सालय उमरेड में उपचार के लिए भेजा। घायलों में अरुण शेलके, शांताराम लुचे, दोनों तारणा निवासी को उपचार के लिए नागपुर मेडिकल कालेज भेजा गया है। इसके अलावा एकनाथ आमठे, संजय इरपाते, मोहन लुचे, विजय कोठेकर, भूषण मांढरे, पांचों तारणा निवासी का ग्रामीण चिकित्सालय उमरेड में उपचार शुरू है। फरियादी अरुण शेलके (60) की रिपोर्ट पर उमरेड पुलिस स्टेशन में भादंवि की धारा 323, 324 के तहत अपराध दर्ज किया है। जांच उमरेड पुलिस स्टेशन के एपीआई राजेश पाटील कर रहे हैं।
उपचार खर्च की मांग
कई साल से सती घाट तलाब सिंचाई विभाग के अंतर्गत आता है। 2012 से ये तालाब अभयारण्य की सीमा में गया है, लेकिन आज भी हमारी फसलों के लिए उसी तालाब का पानी दिया जाता है। तालाब में मवेशियों को पानी पिलाने के लिए उमरेड एसडीओ और कुही तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है। तारणा ग्राम पंचायत ने इस विषय में प्रस्ताव भी रखा है। कुही क्षेत्र के आरएफओ ने पहले भी किसानों के साथ मनमानी का परिचय दिया है। उन्हें निलंबित करने के साथ ही घटना के सभी घायलों को वन विभाग उपचार खर्च दे।
-संदीप खानोरकर, कुही पंचायत समिति के सदस्य (तारणा निवासी)
आरोप बेबुनियाद
किसानों द्वारा लगाया आरोप बेबुनियाद है। हमारे संरक्षित क्षेत्र कंपार्टमेंट 1434 के अंतर्गत तीन किलोमीटर के भीतर 25 से 30 लोगों के घुसने की जानकारी मिली थी। उसी क्षेत्र में हमारी एक बाघिन अपने बच्चे के साथ अधिवास करती है। इसलिए मैं अपने कर्मचारी को लेकर घटनास्थल पर पहुंचा। उन लोगों को समझाया, लेकिन बड़ी संख्या में होने से वे बहस करने लगे। एक आदमी ने मेरे पैरों में लकड़ी फंसाकर जमीन पर गिराने की कोशिश की। बचाव में हमने 4 से 5 डंडे मारे। इसके बाद सभी भागे। उन लोगों के खिलाफ वनविभाग के ओर से कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू है। -घनश्याम ठोंबरे, आरएफओ, वन विभाग, कुही रेंज, उमरेड पवनी कर्हांडला अभयारण्य, पेंच
Created On :   27 Aug 2019 2:17 PM IST