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बाघ गणना पर संकट, वनकर्मी तकनीकी उपकरण ऑपरेट करने तैयार नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वनकर्मियों की उदासीनता के चलते बाघ गणना पर संकट मंडराने लगा है। उल्लेखनीय है कि एनटीसीए(राष्ट्राय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) द्वारा देशभर में बाघ गणना की जा रही है। बाघ गणना में वन विभाग का अहम योगदान होता है। 20 जनवरी से पहले चरण की गणना शुरू की जानी थी, लेकिन वन विभाग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के एक संगठन ने तकनीकी उपकरणों को ऑपरेट करने से इंकार कर दिया है। इससे राष्ट्रीय बाघ गणना का कार्यक्रम प्रभावित होने की आशंका मंडराने लगी है। संगठन से जुड़े कर्मचारियों के हाथ खड़े करने से वन विभाग ने संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ कड़ाई बरतनी चाही, तो अब संगठित होकर इस आदेश का विरोध करने की तैयारी की जा रही है। अगर जमीनी स्तर पर यह विरोध आगे और चलता रहा और इसका जल्द हल नहीं निकला, तो लंबे समय तक चलने वाली इस गणना की रिपोर्ट तैयार होने में और समय लग सकता है।
कर्मचारियों के खिलाफ जांच करने की दी थी चेतावनी
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बाघ गणना कार्यक्रम के लिए वन विभाग के वनरक्षक व वनपाल कर्मचारिचों को अन्य कामों के अलावा इलेक्ट्रॉनिक बेस्ड उपकरणों को ऑपरेट करने की बाध्यता को देखते हुए इसका विरोध किया गया था, लेकिन वन विभाग ने सख्ती दिखाते हुए उपकरणों को वापस करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच करने की चेतावनी दी थी, पर इस चेतावनी का भी अधिक असर संगठन के सदस्यों पर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। बता दें कि इस बार बाघों की गणना के लिए जीपीएस लोकेशन को टैग करना अनिवार्य किया गया है। साथ ही एंड्रॉयड स्मार्ट मोबाइल फोन्स में एम-स्ट्राइप्स नाम के सॉफ्टवेयर के जरिए गणना की तकनीक विकसित की गई है, ताकि मैन्युअल प्रोसेस की खामियों को कम कर ऑनलाइन डेटा रिकॉर्ड रखा जा सके।
वेतनश्रेणी में सुधार करने की मांग
महाराष्ट्र वनरक्षक वनपाल संगठन की ओर से वन व राजस्व मंत्रालय को लिखे निवेदन में इस बात को स्पष्ट करते हुए मांग की गई है कि, तकनीकी यंत्रों का उपयोग कर्मचारी तभी करेंगे, जब उनकी वेतनश्रेणी में सुधार किया जाएगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में वन विभाग इस समस्या का हल कैसे निकालता है।
Created On :   22 Jan 2018 2:00 PM IST