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विधायकों के समर्थन की चोरी की सूची से सरकार बनाना भी अपराध- संजय राऊत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के दराज से साल 2019 में राकांपा के 54 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र चुराकर तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार बनाने के आरोप पर शिवसेना ने पलटवार किया है। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि यदि चोरी करने वाला गुनहगार है तो चोरी का माल खरीदने वाला भी उतना ही बड़ा अपराधी होता है। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में राऊत ने कहा कि यदि अजित पवार ने राकांपा विधायकों के समर्थन वाली सूची को पवार के दराज से चुराया होगा तो उस पत्र के आधार पर भाजपा का राज्य में नई सरकार बनाना उस चोरी से भी बड़ा अपराध है। दोनों बराबर के अपराधी हैं। राऊत ने कहा कि राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे के शपथ लेने के बाद हमारे लिए यह मुद्दा खत्म हो गया था।
भाजपा को भी यह बातें भूल जानी चाहिए थी। लेकिन पाटील ने उपमुख्यमंत्री पर पत्र चुराने का आरोप लगाया है। उन्हें फडणवीस की 80 घंटे की सरकार गिरने की बात मन में कचोटती है। इसलिए वे इससे बाहर नहीं निकल पाए हैं। राऊत ने कहा कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के समय भाजपा ने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का वादा किया था लेकिन भाजपा ने वादे को पूरा नहीं किया। यह शिवसेना के लिए वेदनादायी है लेकिन हम उस बात को भूल गए हैं।उल्लेखनीय है कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद फडणवीस ने अजित पवार के साथ मिलकर 23 नवंबर 2019 को सरकार बनाई थी। हालांकि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने 26 नवंबर 2019 को इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद फडणवीस सरकार 80 घंटे में गिर गए थी।
Created On :   8 Jun 2021 5:31 PM IST