पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते ने स्वाभिमानी पक्ष का दामन थामा

Former Union Minister Subodh Mohite joins the swabhimani paksh party
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते ने स्वाभिमानी पक्ष का दामन थामा
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते ने स्वाभिमानी पक्ष का दामन थामा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  अागामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव के चलते राजनीतिक उथल-पुथल का दौर भी शुरू हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध मोहिते की राजनीतिक जमीन की तलाश में किसान नेता व सांसद राजू शेट्टी का साथ मिल गया है। मोहिते ने शेट्टी के नेतृत्व वाले स्वाभिमान पक्ष का दामन थाम लिया है। इससे पहले 2017 में मोहिते ने कांग्रेस का प्रदेश उपाध्यक्ष पद छोड़कर शिवसंग्राम संगठन में प्रवेश लिया था। शिवसंग्राम में प्रवेश के बाद भी मोहिते राजनीतिक तौर पर राज्य में मुख्य धारा में कहीं नजर नहीं आ रहे थे। अब कहा जा रहा है कि, किसानों के मुद्दे पर राजू शेट्टी के साथ जुड़े किसान नेताओं व भाजपा-कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के साथ मिलकर वे सक्रिय राजनीतिक भूमिका में नजर आ सकते हैं। 

काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा सफर
गौरतलब है कि, मोहिते का राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। सरकारी सेवा छोड़कर राजनीति में आए मोहिते को अध्ययनशील नेता के तौर पर भी पहचाना जाता है। 1998 में वे पहली बार रामटेक लोकसभा क्षेत्र से शिवसेना उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीते थे।  वे अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व की एनडीए सरकार में भारी उद्योग मंत्री बने थे। तत्कालीन भारी उद्योग मंत्री व शिवसेना के दिग्गज नेता मनोहर जोशी को लोकसभा का अध्यक्ष बनाये जाने पर भारी उद्योग मंत्री का पद रिक्त था। लिहाजा मोहिते में उस मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई। वे शिवसेना उम्मीदवार के तौर पर दूसरी बार भी चुनाव जीते, लेकिन अचानक वे शिवसेना को छोड़ गए। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के अलावा कुछ नेताओं ने शिवसेना छोड़ा था, उनमें मोहिते भी शामिल थे। 2007 के उप-चुनाव में मोहिते को कांग्रेस ने रामटेक लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया, लेकिन तत्कालीन शिवसेना जिला प्रमुख प्रकाश जाधव ने उन्हें मात दे दी। शिवसेना उम्मीदवार जाधव की जीत में कांग्रेस के रणजीत देशमुख की बगावत भी काम आयी। रणजीत भी उम्मीदवार थे। बाद में कांग्रेस ने मोहिते के रामटेक विधानसभा क्षेत्र से महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय स्थान दिलाने का प्रयास किया, लेकिन मोहिते विधानसभा का चुनाव नहीं जीत पाए। हद तो तब हुई, जब कांग्रेस चाहकर भी मोहिते को विधान परिषद का सदस्य नहीं बना पायी। विधानपरिषद सदस्य की शपथ लेने के लिए मोहिते को मुंबई बुलाया गया था। उनका हेलिकॉप्टर साथ नहीं दे पाया। विधानभवन पहुंचने में विलंब हुआ। लिहाजा कांग्रेस ने अन्य नेता को विधानपरिषद सदस्य बनवाया। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व विदर्भ में कांग्रेस के प्रवक्ता रहते हुए मोहिते ने राजनीति में सक्रियता दिखाने का प्रयास अवश्य किया। कांग्रेस के स्थापित नेताओं की गुटबाजी उनके लिए बाधक बनी रही। विनायक मेटे के नेतृत्व वाले शिवसंग्राम में मराठा नेता के तौर पर उभरने का उनका प्रयास भी साकार नहीं हो पाया। ‘दैनिक भास्कर’ से चर्चा में मोहिते ने कहा है कि, वे किसानों के मुद्दे को लेकर स्वाभिमान पक्ष में शामिल हुए हैं। भाजपा या कांग्रेस, किसानों को केवल आश्वासन देते हैं। स्वाभिमान पक्ष के नेता राजू शेट्टी ने संसद में किसानों के लिए निजी विधेयक लाकर देशव्यापी किसान आंदाेलन को गति दी है। 
 

Created On :   14 April 2018 3:01 PM IST

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