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शिवसेना नेता ने कहा- कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपने वाले पवार हमारे गुरु नहीं, पार्टी का बयान से किनारा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा शिवसेना नेता अनंत गीते ने कहा है कि कांग्रेस की पीठ में छुरा घोपकर अपनी पार्टी राकांपा बनाने वाले शरद पवार हमारे गुरु नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि राकांपा का जन्म कांग्रेस के पीठ में छुरा घोपकर हुआ है। उन्होंने कहा कि पवार कभी हमारे गुरु नहीं हो सकते। हमारे गुरु केवल बालासाहब हैं। गीते ने कहा कि महाविकास आघाड़ी का गठजोड़ केवल सत्ता के लिए एक समझौता है। मंगलवार को गीते का बयान मीडिया में सामने आने के बाद राकांपा ने उनपर पलटवार किया है। जबकि शिवसेना ने गीते के बयान से किनारा कर लिया है। दरअसल, सोमवार को गीते ने रायगड की एक सभा में कहा था कि महाविकास आघाड़ी में तीन सहयोगी दल हैं। लेकिन पहले कांग्रेस और राकांपा के नेता एक-दूसरे का मुंह नहीं देखते थे। कांग्रेस और राकांपा यानी दोनों कांग्रेस की विचारधारा भी एक नहीं है। अगर दोनों कांग्रेस की विचारधारा एक नहीं हो सकती तो शिवसेना और कांग्रेस की विचारधाराकदापि एक नहीं हो सकती।गीते ने कहा कि हमें अपने गांव को संभालना है। इसलिए हमें पूरे महाविकास आघाड़ी का नहीं बल्कि केवल शिवसेना का विचार करना है।
गीते ने शिवसैनिकों से कहा था कि महाविकास आघाड़ी सत्ता के लिए एक समझौता है। जिस दिन महाविकास आघाड़ी टूट जाएगी उस दिन क्या होगा? मैं महाविकास आघाड़ी के टूटने के लिए श्राप नहीं दे रहा हूं पर जिस दिन महाविकास आघाड़ी टूटेगी उस दिन हमें अपने घर पर आना पड़ेगा। इसलिए हमें अपना घर मजबूत करना होगा। इसके लिए अपनी ताकत मजबूत करनी होगी।
पवार न होते तो राज्य में सरकार नहीं बनती- संजय राऊत
गीते के बयान से शिवसेना ने किनारा कर लिया है। शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि गीते का बयान उनकी निजी राय है। दिल्ली में राऊत ने कहा कि पवार देश के बड़े नेता हैं। पवार महाविकास आघाड़ी के प्रमुख स्तंभ हैं। अगर पवार न होते तो राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार नहीं बनती औरशिवसेना को मुख्यमंत्री पद नहीं मिलता। राऊत ने कहा कि भविष्य में किसके साथ गठबंधन करना है यह शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव तय करेंगे परफिलहाल हमने महाविकास आघाड़ी के साथ सरकार चलाने का फैसला किया है। गीते के बयान से महाविकास आघाड़ी में मतभेद के सवाल पर राऊत ने कहा कि राज्य सरकार से गीते का क्या संबंध है? सरकार उद्धव ठाकरे चला रहे हैं।
गीते ने पवार का पैर छूकर कर आघाड़ी के लिए आभार जताया था- तटकरे
गीते के बयान पर राकांपा के रायगड के सांसद सुनील तटकरे ने पलटवार किया है।तटकरे ने कहा कि साल 2019 में उद्धव ठाकरे को महाविकास आघाड़ी के विधानमंडल दल का नेता चुनने के दौरान गीते आए थे। उस समय गीते ने झुककर पवार का पैर छूकर महाविकास आघाड़ी के गठन के लिए उनका आभार व्यक्त किया था। तटकरे ने कहा कि गीते का पवार पर टिप्पणी करने का मतलब सूर्य की ओर थुकनाहै। क्योंकि पवार देश के नेता हैं और महाविकास आघाड़ी के जनक हैं। तटकरे ने कहा कि गीते की राजनीतिक स्थिति ऐसी हो गई है कि उसे बयान नहीं किया जा सकता है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में हारने के कारण वे निराश चल रहे हैं। उन्होंने निराशा मेंयह बयान दिया है। तटकरे ने कहा कि बीते दिनों प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने भी इसी तरह का बयान दिया था। इसलिए अब गीते बता सकते हैं कि वे किसकी भाषा बोल रहे हैं।
गीते ने ऐतिहासिक सत्य बयान किया- मुनगंटीवार
भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि गीते ने दिल से यह बयान दिया है। गीते ने जो बोला है वह ऐतिहासिक सत्य है। पवार ने एक बार नहीं तीन-तीन बार पीठ में छुरा घोपने का काम किया है।मुनगंटीवार ने कहा कि शिवसेना सांसद संजय राऊत को छोड़कर बाकी किसी भी शिवसेना के मंत्री और नेता का नार्को टेस्ट कीजिए, वे कही कहेंगे कि शिवसेना का कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन करना राजनीतिक आत्महत्या है। मुनगंटीवार ने कहा कि राऊत शिवसेना और राकांपा में से किसके हैं यह पता लगाने के लिए पीएचडी करनी पड़ेगी। क्योंकि वे उद्धव से ज्यादा पवार की तारीफ करते हैं।
Created On :   21 Sept 2021 7:24 PM IST