भूमिपूजन के 13 साल बाद भी शुरू नहीं हो सकी 4 कोयला खदान

Four coal mines could not start even after 13 years of Bhumi Pujan
भूमिपूजन के 13 साल बाद भी शुरू नहीं हो सकी 4 कोयला खदान
भूमिपूजन के 13 साल बाद भी शुरू नहीं हो सकी 4 कोयला खदान

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। पुरानी व घाटे में चल रही पेंच और कन्हान एरिया की 5 खदानों को बंद कर दिया गया है, लेकिन नई खदानों को आज तक उद्घाटन नहीं हो सका है। १३ साल पहले भूमिपूजन के बाद भी कन्हान क्षेत्र की शारदा परियोजना अब तक जमीन पर नहीं उतर पाई है।

गौरतलब है कि 1 अगस्त को गनपति खदान को बंद कर दिया गया है। 10 अगस्त को भवानी खदान में भी ताला लगाने की सुगबुगाहट रही। इसके अलावा 3 अन्य खदानों को भी बंद करने का ऐलान किया जा चुका है। इसके उलट कन्हान क्षेत्र की शारदा परियोजना का 13 साल पहले ही भूमिपूजन हो चुका है, लेकिन आज तक वो शुरू नहीं हो पाई है।  2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद पटेल ने कोल परियोजना का भूमिपूजन किया था। तब से कन्हान क्षेत्र के लोग खदान शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। 

इन परियोजनाओं का हो चुका भूमिपूजन
पेंच क्षेत्र की सबसे बड़ी कोयला खदानों में शामिल धनकशा माइन में 17.71 मिलियन टन कोयले का भंडार है। खदान शुरू करने के लिए 849.597 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया था। वहीं वन विभाग की 371.43 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। तत्कालीन कोयला राज्य मंत्री संतोष बगरोलिया व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने 28 फरवरी 2009 को इस खदान का भूमिपूजन किया था। वहीं पेंच क्षेत्र की जमुनिया पठार भूमिगत कोयला खदान में कुल 22.27 मिलियन टन कोयला भंडार है। जिससे लगातार 37 सालों तकहर साल 0.72 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जा सकेगा। अगस्त 2015 में केंद्रीय कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने भूमिपूजन कर यहां कार्य शुरू कराया था। मुहाना और सुरंग का कार्य चल रहा है, लेकिन उत्पादन शुरू नहीं हो सका है। प्रभावितों को नौकरी देने का मसला भी यहां उलझा हुआ है। 

इसके अलावा शारदा परियोजना का भूमिपूजन साल 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने किया था। शारदा प्रोजेक्ट में 7.54 मिलियन टन कोयले का भंडार है। भू-अर्जन समेत तमाम प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद भी खदान शुरू नहीं की जा सकी है। क्षेत्र के लोग 13 साल से परियोजना के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। वहीं बात की जाए  हर्राडोल प्रोजेक्ट की तो खदान का भूमिपूजन 2006-07 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और जिले के सांसद कमलनाथ ने किया था। 10 साल बीत जाने के बाद भी खदान की शुरूआत नहीं हो सकी है। यही हाल दमुआ क्षेत्र की भाखरा, टेढीईमली खदान का भी है, लेकिन इनका अभी तक उदघाटन नहीं किया गया है।

Created On :   13 Aug 2017 2:44 PM IST

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