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रिश्वतखोर लेखापाल को चार साल का सश्रम कारावास

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। सिविल अस्पताल अमरवाड़ा में पदस्थ लेखापाल को वेतन के एवज में दो हजार रुपए की रिश्वत के साथ लोकायुक्त की टीम ने दबोचा था। जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश ने लेखापाल को दोषी करार देते हुए चार साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
जिला अभियोजन अधिकारी समीर पाठक ने बताया कि 11 मई 2015 को सिविल अस्पताल कर्मचारी गिरीश कुमार चंद्रवंशी ने लोकायुक्त जबलपुर में शिकायत की थी कि लेखापाल चंद्रशेखर डेहरिया ने समयमान का एरियर्स निकालने के एवज में छह हजार रुपए की मांग की थी। उसने रिश्वत की पूरी रकम नहीं दी तो लेखापाल ने तीन माह का वेतन रोक दिया है। लेखापाल द्वारा रिश्वत की पूरी राशि और तीन माह के वेतन निकालने के एवज में दो हजार रुपए अतिरिक्त मांग रहा है। इस शिकायत पर लोकायुक्त टीम ने गिरीश चंद्रवंशी को वाईस रिकार्डर दिया और लेखापाल से रिश्वत लेनदेन की वार्ता रिकार्ड करने के लिए कहा। 12 मई 2015 को आवेदक ने लेखापाल के घर पहुंचकर उसकी बातें रिकार्ड की। जिसके बाद 14 मई को लोकायुक्त की टीम ने छिंदवाड़ा के सत्कार तिराहे पर लेखापाल को रिश्वत की राशि लेते पकड़ा था। इस मामले की सुनवाई करते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश ने लेखापाल को दोषी करार देते हुए चार साल का सश्रम कारावास व अर्थदंड से दंडित किया है।
Created On :   14 Nov 2019 9:04 PM IST