4.26 करोड़ की धोखाधड़ी, बैंक ने ग्राहकों को लगाया चूना, अदालत पहुंचा मामला तो हरकत में आई पुलिस

4.26 करोड़ की धोखाधड़ी, बैंक ने ग्राहकों को लगाया चूना, अदालत पहुंचा मामला तो हरकत में आई पुलिस
4.26 करोड़ की धोखाधड़ी, बैंक ने ग्राहकों को लगाया चूना, अदालत पहुंचा मामला तो हरकत में आई पुलिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक बैंक ने ग्राहकों के साथ 4 करोड़ 26 लाख 21 हजार 964 रुपए की धोखाधडी की। ग्राहकों का आरोप है कि जयश्रीराम अर्बन को ऑप बैंक ने उनसे 6 फरवरी 2017 से 10 फरवरी 2019 के दरमियान एफडी, आरडी और दैनिक बचत योजना के नाम पर पैसे जमा करा लिए, जब समयावधि पूरी हो गई और पैसे वापस करने की बजाए बैंक ने टालमटोल शुरू कर दी। पीडित ग्राहक पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचे, तो पुलिस ने बैंक का ऑडिट कराना शुरू किया। इस दौरान 32 पीडित ग्राहक अदालत की शरण में चले गए। अदालत के आदेश पर पुलिस ने बैंक के अध्यक्ष आरोपी खेमचंद सितारामजी मेहरपुरे (58) , उपाध्यक्ष आरोपी योगेश मनोहरराव चरडे  (37) और बैंक प्रबंधक सुनिता केशवराव पोल (42) के खिलाफ धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। प्रकरण की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी निस्वाडे ने बताया कि फिलहाल बैंक के ऑडिट का कार्य शुरू है। यह कार्य पूरा होते ही आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। उसके बाद पुलिस सबसे पहले इस बात का पता लगाएगी कि ग्राहकों से ली गई रकम को बैंक के पदाधिकारियों और अधिकारियों ने कहां निवेश किया है। समय पूरा होने के बाद ग्राहकों को पैसे वापस क्यों नहीं किए गए। ऐसे अन्य कई सवालों के साथ आरोपियों की धरपकड शुरू की जाएगी। 

अदालत की शरण में 32 पीड़ित 

अदालत के आदेश पर पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया, लेकिन अभी तक कोई भी आरोपी गिरफ्तार नहीं किया गया है। नवोदय बैंक के बाद यह दूसरा बैंक घोटाला सामने आया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार जगनाडे चौंक के पास एस डी अस्पताल चौंक गणेशनगर में जयश्रीराम अर्बन क्रेडिट को ऑप बैंक खोली गई थी। पहले यह क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी थी। बाद में इसे बैंक बना दिया गया। इस बैंक में कई ग्राहकों ने अपने पैसे जमा किए थे। इन्हीं में दिनेश वासुदेवराव पडेगावकर (55) ने थाने में जयश्रीराम अर्बन को ऑप बैंक के खिलाफ ग्राहकों से धोखाधडी करने की शिकायत दर्ज कराई है। ग्राहकों के साथ 4 करोड 26 लाख 21 हजार 964 रुपए की धोखाधडी करने के बारे में कोतवाली थाने के पुलिस अधिकारी निस्वाडे से पूछने पर उन्होंने बताया कि करीब दो माह से बैंक के ऑडिट का कार्य शुरू है। तब से यह बैंक बंद है। इधर पीडित दिनेश पडेगावकर ने बताया कि इस बैंक ने उनकी तरह अन्य ग्राहकों से समय- समय पर रुपए जमा कराए, जब रुपए वापस करने की बारी आई तो टालमटोल करने लगे। 

रकम वापस मांगने पर खुली बैंक की पोल

पीड़ित ग्राहकों ने थाने में बताया कि जब उन्होंने अपनी जमा रकम और उस पर ब्याज की रकम वापस मांगी, तब बैंक की पोल खुल गई। बैंक के अधिकारियों ने टालमटोल शुरू कर दिया। जब पुलिस के पास इस मामले की शिकायत करने गए तब पुलिस ने भी मामला दर्ज करने में आनाकानी शुरू कर दी। तब समय गंवाए बिना ही कुछ ग्राहकों ने अदालत में बैंक संचालक मंडल और अधिकारियों के खिलाफ न्याय की गुहार लगाई । इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

 

Created On :   14 July 2019 11:28 AM GMT

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