1050 रुपए बीमा प्रीमियम, किसानों ने बीमा कंपनी और उद्यानिकी अधिकारियों को घेरा

fraud with farmers in name of insurance of crop
1050 रुपए बीमा प्रीमियम, किसानों ने बीमा कंपनी और उद्यानिकी अधिकारियों को घेरा
1050 रुपए बीमा प्रीमियम, किसानों ने बीमा कंपनी और उद्यानिकी अधिकारियों को घेरा

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/परासिया। किसानों  को ठगने के  लिए अब बीमा कंपनियां भी सक्रिय हो गई हैं, और किसानों से बीमा के नाम पर उगाही कर रही हैं।  उमरेठ क्षेत्र के रिधोरा में एक मामला सामने आया जब एक बीमा कंपनी से किसानों ने उनके टमाटर की फसल बर्बाद होने की क्षतिपूर्ति के संबध में जानकारी ली। किसानों को जब पता चला की उनके 1050 रुपए प्रीमियम के मौसमी सब्जी बीमा की क्षतिपूर्ति उन्हे 105 रुपए मिली है। शनिवार को जब बीमा कंपनी के डिस्ट्रिक मैनेजर शोभित कुमार रघुवंशी और जिला कोआर्डिनेटर राकेश रघुवंशी के साथ उद्यानिकी विभाग के अधिकारी पंहुचे तो किसानों ने सबसे पहले पिछली फसल की क्षतिपूर्ति का ब्योरा मांगा। बीमा कंपनी ने जैसे ही किसानों के क्षतिपूर्ति का ब्योरा रखा तो किसान भड़क गए। उमरेठ क्षेत्र के रिधोरा, छाबड़ी के किसानों ने 2016 में उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के कहने पर किसी एचडीएफसी एग्रो कंपनी से टमाटर की फसल का बीमा कराया था। कंपनी ने 1050 रुपए प्रति एकड़ प्रीमियम के हिसाब से सैकड़ों किसानों का टमाटर की फसल का बीमा किया।
- नुकसान हुआ 1 लाख क्षतिपूर्ति 105 रुपए
टमाटर की एक एकड़ की फसल पूरी तरह से बर्बाद होने पर किसान को लगभग 60 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक का नुकसान होता है। बीमा कंपनी ने नुकसान की भरपाई का वादा कर 1050 रुपए प्रतिएकड़ प्रीमियम का बीमा किया था। लेकिन क्षतिपूर्ती केवल 105 रुपए से लगाकर 1050  रुपए तक ही दी। किसानों को कंपनी ने किस आधार पर क्षतिपूर्ती दी यह तक नही बताया गया। इसी बात से नाराज किसानों ने रिधोरा में बीमा कंपनी को घेरा और उन्हे वहां से भगा दिया गया।
- कलस्टर से नुकसान का आंकलन
बीमा कंपनी ने किसानों की फसल के नुकसान का आंकलन करने  के लिए क्षेत्र में एक कलस्टर मशीन लगानें का दावा किया था। कंपनी का कहना था की यह मशीन 10 किलोमीटर के क्षेत्र में नुकसान मौसम और उपज का आंकलन करेगी। लेकिन 2016 में क्षेत्र में लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में टमाटर की पूरी फसल बर्बाद हो गई थी फिर बीमा कंपनी ने क्षतिपूर्ति नही दी है।
इनका है कहना।
- बीमा कंपनी और उद्यानिकी अधिकारियों ने शनिवार को बैठक बुलाई थी लेकिन किसानों ने बैठक का बहिस्कार कर कंपनी से जवाब मांग लिया है सभी तरफ से किसानों को लूटा जा रहा है।
पवन पवार, किसान रिधोरा
- किसान को  एक एकड़ की टमाटर फसल बर्बाद होने पर केवल  105 रुपए दिए गए यह किसान का अपमान है, जब  बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति नही देनी थी तो बीमा किया ही क्यों था।
गोपाल पवार, किसान रिधोरा
- क्या कहते हैं अधिकारी
बीमा कंपनी ने रिधोरा में मिटिंग रखी थी  हमको भी बुलाया गया इसिलिए  हम गए थे, किसानों ने पहले किए बीमा की क्षतिपूर्ति नही मिलने के कारण बीमा कराने से इंकार किया है यह उनका अधिकार है।
सालिकराम चौकसे, उद्यानिकी विकास अधिकारी परासिया

 

Created On :   25 Dec 2017 1:18 PM IST

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