26 जनवरी से स्कूलों में प्रतिदिन होगा संविधान प्रस्तावना का वाचन, पानी पीने की याद दिलाएगी घंटी

From 26 January constitution will be read daily in schools, circular issued
26 जनवरी से स्कूलों में प्रतिदिन होगा संविधान प्रस्तावना का वाचन, पानी पीने की याद दिलाएगी घंटी
26 जनवरी से स्कूलों में प्रतिदिन होगा संविधान प्रस्तावना का वाचन, पानी पीने की याद दिलाएगी घंटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। गणतंत्र दिवस से अब प्रदेश के स्कूलों में भारत के संविधान की प्रस्तावना का प्रतिदिन सामूहिक वाचन होगा। स्कूलों में विद्यार्थी प्रार्थना के समय प्रस्तावना का वाचन करेंगे। आगामी 26 जनवरी से राज्य के सभी प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में यह उपक्रम शुरू करने का फैसला किया गया है। मंगलवार को सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया। राज्य की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि पूर्व की आघाडी सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत स्कूलों में संविधान की प्रस्तावना के वाचन के लिए 4 फरवरी 2013 को शासनादेश जारी किया था। लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल में शासनादेश पर अमल नहीं हो सका था। इसलिए महाविकास आघाडी सरकार ने इसको लागू करने का फैसला किया है। परिपत्र के अनुसार देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के संविधान के बारे में पूरी जानकारी नागरिकों को होना आवश्यक है। भारत के संविधान के मूलतत्व, संवैधानिक अधिकार और कर्तव्य नागरिकों को संस्कारित करने वाले हैं। इससे विद्यार्थियों को जिम्मेदार नागरिक बनाने में मदद मिलेगी। 

स्कूलों में बच्चों को पानी पीने की याद दिलाएगी घंटी

प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों को कक्षा में उपस्थित रहने, पीरियड खत्म होने, इंटरवल और स्कूल से छूटने के घंटी नियमित सुनाई देती है लेकिन अब विद्यार्थियों को एक और घंटी सुनाई देगी। यह घंटी विद्यार्थियों को पानी पीने के लिए याद दिलाएगी। महाविकास आघाडी सरकार ने विद्यार्थियों को पीने के पानी की सूचना देने के लिए वॉटर बेल उपक्रम लागू करने का फैसला किया है। मंगलवार को राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया। इसके अनुसार स्कूलों में विद्यार्थियों को पानी पीने की याद दिलाने के लिए तीन बार घंटी बजाई जाएगी। घंटी बजाने का समय स्कूल के टाइम टेबल के अनुसार मुख्याध्यापक को तय करना होगा। घंटी बजने के बाद आरक्षित समय में विद्यार्थी आवश्यकता अनुसार पानी पी सकेंगे। इससे विद्यार्थियों को पानी पीने की आदत तैयार होगी इसके साथ ही विद्यार्थियों को शौचालय जाने के लिए अनुमति देने को कहा गया है। 

2 लीटर पानी पिए छात्र

सरकार का कहना है कि विद्यार्थियों को आमतौर पर 1.50 से 2 लीटर पानी पीना चाहिए। लेकिन अभिभावकों से अकसर यह शिकायतें मिलती रहती हैं कि बच्चे स्कूल में पानी की बोतल ले जाते हैं लेकिन उस बोतल को वैसे ही वापस घर ले आते हैं। स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के शरीर में पानी की कमी कई प्रकार की बीमारियों का प्रमुख कारण हैं। आवश्यकता अनुसार पानी नहीं पीने से विद्यार्थियों को कई प्रकार की बीमारियों का खतरा होता है। शरीर में पानी की मात्रा कम होने से थकावट, किडनी स्टोन और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। स्कूलों में विद्यार्थी पढ़ाई और खेलने में व्यस्त होने के कारण पानी पीना भूल जाते हैं।  
 

Created On :   21 Jan 2020 3:17 PM GMT

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