9 साल से नहीं हुई रनवे की रि-कार्पेटिंग- सी-20 बैठक से पहले रखरखाव के लिए उपलब्ध कराया गया था फंड

Fund was made available for maintenance before C-20 meeting
9 साल से नहीं हुई रनवे की रि-कार्पेटिंग- सी-20 बैठक से पहले रखरखाव के लिए उपलब्ध कराया गया था फंड
नागपुर 9 साल से नहीं हुई रनवे की रि-कार्पेटिंग- सी-20 बैठक से पहले रखरखाव के लिए उपलब्ध कराया गया था फंड

डिजिटल डेस्क, नागपुर. विमानतल में रनवे रि-कार्पेटिंग व सुधार कार्य शुरू होने की वजह से हवाई सेवा बुरी तरह प्रभावित हो रही है। देश के व्यस्ततम विमानतल में मुंबई विमानतल दूसरे क्रमांक पर है। इस विमानतल पर विमानों की लैंडिंग और टेक-आॅफ को कुछ समय के लिए सीमित कर दिया गया है। नियमानुसार आवश्यकता पड़ने पर या निश्चित अंतराल में रनवे सुधार कार्य व रि-कार्पेटिंग करना जरूरी है। डॉ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल के रनवे की रि-कार्पेटिंग पिछले 9 वर्ष से नहीं की गई है। जानकारों के मुताबिक वर्ष 2014 में इस रनवे की रि-कार्पेटिंग व सुधार कार्य किए गए थे। कहा जा रहा है कि फिलहाल इस रनवे के रि-कार्पेटिंग की आवश्यकता नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर रनवे का सुधारकार्य व रि-कार्पेटिंग की जाएगी।

जी-20 के अंतर्गत नागपुर में हाल ही में संपन्न हुई सी-20 बैठक से पूर्व विमानतल के रखरखाव के लिए फंड उपलब्ध कराया गया था। विमानतल में कौन-से विकास कार्यों पर इस फंड को खर्च किया गया, इसका ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस फंड का इस्तेमाल नागपुर विमानतल पर रनवे की रि-कार्पेटिंग के लिए किया जा सकता था। समय-समय पर विमानतल प्रशासन द्वारा मीडिया को आमंत्रित कर विमानतल परिसर में किए जा रहे विकासकार्यों की जानकारी दी जाती थी। पिछले कुछ वर्षों से इस प्रकार की जानकारी से मीडिया को दूर रखा जा रहा है जिसकी वजह से विमानतल रखरखाव के मामले में कई तरह की आशंका जन्म ले रही है।

आवश्यकता पड़ने पर करेंगे रि-कार्पेटिंग

आबिद रुहि, डायरेक्टर, एमआईएल के मुताबिक वर्ष 2014 में विमानतल के रनवे की रि-कार्पेंटिंग की गई थी। अब आवश्यकता पड़ने पर ही रि-कार्पेटिंग की जाएगी। 

Created On :   9 April 2023 1:00 PM GMT

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